देश की खबरें | नौकरी के लिये अधिक योग्यता: न्यायालय ने बैंक में स्नातक चपरासी को अयोग्य ठहराने का निर्णय बरकरार रखा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यह दलील अस्वीकार कर दी कि ज्यादा योग्यता अयोग्यता का आधार नहीं हो सकती और उसने पंजाब नेशनल बैंक के एक चपरासी की सेवायें समाप्त करने का आदेश बरकरार रखा, क्योंकि उसने स्नातक होने का तथ्य छिपाया था।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, तीन नवंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यह दलील अस्वीकार कर दी कि ज्यादा योग्यता अयोग्यता का आधार नहीं हो सकती और उसने पंजाब नेशनल बैंक के एक चपरासी की सेवायें समाप्त करने का आदेश बरकरार रखा, क्योंकि उसने स्नातक होने का तथ्य छिपाया था।

शीर्ष अदालत ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के दो आदेशों को निरस्त कर दिया। इन आदेशों में न्यायालय ने बैंक से कहा था कि चपरासी को अपनी सेवायें करते रहने दिया जाये। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने या गलत जानकारी देने वाला अभ्यर्थी सेवा में बने रहने का दावा नहीं कर सकता।’’

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न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह ने बैंक की अपील पर यह फैसला सुनाया और इसमें इस तथ्य को भी इंगित किया कि इसके लिये विज्ञापन में स्पष्ट था कि अभ्यर्थी स्नातक नहीं होना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि अमित कुमार दास ने योग्यता को चुनौती देने की बजाय अपनी योग्यता छिपाते हुये नौकरी के लिये आवेदन किया था।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि दास ने जानबूझकर अपने स्नातक होने की जानकारी छिपायी और इसलिए प्रतिवादी को उसे चपरासी के पद पर अपना काम करते रहने का निर्देश देकर उच्च न्यायालय ने गलती की।

शीर्ष अदालत ने अपने एक पहले के फैसले का उल्लेख करते हुये कहा कि महत्पूर्ण जानकारी छिपाना और गलत बयानी करना कर्मचारी के चरित्र और उसके परिचय पर असर डालता है।

पीठ ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि बैंक ने समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर चपरासी के पद के लिये आवेदन मंगाये थे जिसमे स्पष्ट किया गया था कि एक जनवरी, 2016 की तिथि के अनुसार आवेदक 12वीं या इसके समकक्ष उत्तीर्ण होना चाहिए लेकिन वह स्नातक नहीं होना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि विज्ञापन में उल्लिखित पात्रता के अनुसार स्नातक व्यक्ति इस पद के लिये आवेदन के योग्य नहीं था।

न्यायालय ने कहा कि दास ने चपरासी के पद के लिये आवेदन किया लेकन इसमें यह जानकारी नहीं दी कि उसके पास 2014 से ही स्नातक की डिग्री है और उसने सिर्फ 12वीं पास होने का ही जिक्र किया था।

अनूप

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