कोलकाता, 31 अगस्त: अल्बानिया के अर्मांडो सादिकु ने खराब फॉर्म से उबरते हुए गोल दागा जिससे मोहन बागान ने गुरुवार को यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए एफसी गोवा को 2-1 से हराकर डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई जहां उसका सामना शहर के अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल से होगा. यह भी पढ़ें: Sunil Chhetri: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के घर आया नन्हा मेहमान, पत्नी सोनम ने दिया बेटे को जन्म
ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के बीच रविवार को होने वाला खिताबी मुकाबला 2004 के फाइनल की पुनरावृत्ति होगा. मजबूत डिफेंस के साथ उतरी एफसी गोवा ने मुकाबले का पहला गोल दागा जब 23वें मिनट में मोरक्को के मिडफील्डर नोह सादोउ ने गेंद को गोल में पहुंचाया.
मोहन बागान ने 42वें मिनट में पेनल्टी पर जेसन कमिंग के गोल की बदौलत स्कोर 1-1 किया. रैफरी अश्विन का पेनल्टी का फैसला हालांकि विवादास्पद रहा. ह्यूगो बोमोस की जगह मैदान पर उतरने के चार मिनट के भीतर आर्मेनिया के स्थानापन्न खिलाड़ी सादिकु ने मोहन बागान की ओर से अपना सबसे महत्वपूर्ण गोल दागा और टीम की फाइनल में जगह सुनिश्चित की. सादिकु ने 61वें मिनट में संदेश झिंगन की गलती का फायदा उठाते हुए गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ.
मोहन बागान के कोच ने अंतिम मिनटों में ब्रेंडन हामिल और लिस्टन कोलासो को मैदान पर उताकर अपने डिफेंस को मजबूत किया. उनकी यह रणनीति सफल रही क्योंकि गोवा की टीम कई मूव बनाने के बावजूद बराबरी का गोल दागने में नाकाम रही.
गोलकीपर विशाल कैथ को भी टीम की जीत का श्रेय जाता है जिन्होंने दूसरे हाफ के इंजरी टाइम के दूसरे मिनट में जय गुप्ता के लगभग तय गोल को रोका. मोहन बागान ने 2019 के बाद पहली बार डूरंड कप के फाइनल में जगह बनाई। तब टीम को गोकुलम केरल के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था.
मोहन बागान को 2004 के फाइनल में भी ईस्ट बंगाल के खिलाफ 1-2 से हार झेलनी पड़ी थी। टीम 2000 से इस टूर्नामेंट को जीतने में विफल रही है। मोहन बागान ने तब महिंद्रा यूनाईटेड को गोल्डन गोल से हराया था. मोहन बागान और ईस्ट बंगाल दोनों ने 16 बार डूरंड कप खिताब जीता है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)