देश की खबरें | ‘लापता’ होने के पोस्टरों से प्रज्ञा ठाकुर हुईं नाराज, कहा: देशद्रोहियों के लिए कोई जगह नहीं है

भोपाल, 16 अक्टूबर भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान उनके लापता होने के पोस्टर लगाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के एक विधायक की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे कांग्रेसियों और देशद्रोहियों के लिए देश में कोई स्थान नहीं है, देश में केवल देशभक्त ही रह सकते हैं।

शुक्रवार रात को आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकुर ने कांग्रेस के भोपाल दक्षिण से विधायक पीसी शर्मा पर निशाना साधा जबकि शर्मा कार्यक्रम में ही मौजूद थे। इसके बाद शर्मा कार्यक्रम बीच में ही छोड़ कर चले गए।

कार्यक्रम के दौरान ठाकुर ने हिंदुओं को देशभक्त बताया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति नर्मदा परिक्रमा करने से पवित्र नहीं बन सकता।

ठाकुर ने एमवीएम मैदान एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ पशु में भी संवेदना होती है, उसका बच्चा जब मर जाता है, बीमार होता है तो वहरोता है। पर ये तो पशु से भी गए बीते हैं। बीमार को बीमार नहीं मानते, पहले तो (मुझे) प्रताड़नाएं दी और जब मैं बीमार हो गई तो ये हमारे गुमशुदा का पोस्टर लगाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे लोगों पर शर्म आती है। ऐसे लोग विधायक बनने लायक नहीं हैं, लेकिन विधायक बनते हैं। ऐसे लोग खुद को हिंदू कहते हैं, लेकिन वे असंदनशील हैं। वे हम पर हमला करते हैं। ऐसे कांग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए। ऐसे देशद्रोहियों को मैं कहती हूं, इनके लिए भारत में जगह नहीं है, भारत में रहेगा तो सिर्फ राष्ट्रभक्त रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि देश हिंदुओं के साथ है क्योंकि वे देशभक्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रभक्त अपनी पहचान को समझ लें तो सीमाएं सुरक्षित हो जाएंगी, भारत अखंड हो जाएगा, भारत वैभव पर पहुंचेगा।’’

भाजपा सांसद ने दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना परोक्ष तोर पर उन पर हमला करते हुए कहा कि कोई भी अधर्मी नर्मदा परिक्रमा करके पवित्र नहीं बन सकता।

मालूम हो कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 2017 में 3,300 किलोमीटर लंबी नर्मदा परिक्रमा पैदल की थी।

प्रज्ञा द्वारा अपने भाषण में उन पर हमला किए जाने पर कार्यक्रम बीच में ही छोड़ने वाले कांग्रेस विधायक शर्मा ने बाद में पीटीआई से कहा, ‘‘ यह एक सामाजिक मंच था न कि राजनीतिक, जहां उन्होंने राजनीतिक टिप्पणियां की। यह एक दशहरा कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने उन लोगों का अपमान किया जिन्होंने नर्मदा परिक्रमा की है। उनका (प्रज्ञा) निशाना चाहे कोई हो, लेकिन यह निंदनीय है।’’

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