उत्तर कोरिया ने सैन्य अभ्यास से क्षेत्र में ‘‘अस्थिर सुरक्षा वातावरण’’ व्याप्त होने का आरोप भी लगाया. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के तोक्यो में शिखर वार्ता करने से कुछ ही घंटे पहले बृहस्पतिवार को उत्तर कोरिया ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण किया था. यह शिखर वार्ता उत्तर कोरिया और चीन पर उनके पारस्परिक सहयोगी, अमेरिका के साथ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की तात्कालिकता के उनके साझा नजरिये को रेखांकित करती है. आईसीबीएम प्रक्षेपण करीब एक हफ्ते में उत्तर कोरिया द्वारा किया गया चौथा परीक्षण था, जिसे उसके द्वारा अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की जवाबी प्रतिक्रिया माना जा रहा है. दोनों सेनाओं ने सोमवार को संयुक्त अभ्यास शुरू किया था, जो 23 मार्च तक चलेगा. उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) के अनुसार, देश के नेता किम जोंग-उन की निगरानी में प्योंगयांग के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ह्वासोंग-17 आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया गया और इस दौरान उन्होंने ‘‘दुश्मनों में भय उत्पन्न करने’’ की जरूरत पर जोर दिया.
केसीएनए के मुताबिक, मिसाइल पड़ोसी क्षेत्र में न गिरे, इसके लिए उत्तर कोरिया ने एक उच्च कोण से इसे प्रक्षेपित किया. मिसाइल 6,045 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंची और उसने देश के पूर्वी तट के जलक्षेत्र में गिरने से पहले 1,000 किलोमीटर का सफर तय किया. केसीएनए के अनुसार, उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम प्रक्षेपण का मकसद अपने प्रतिद्वंद्वियों को ‘‘कड़ी चेतावनी’’ देना है, जो कोरियाई प्रायद्वीप पर ‘‘बड़े पैमाने पर किए जा रहे आक्रामक युद्ध अभ्यास’’ के जरिये क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहे हैं. एजेंसी ने कहा कि प्रक्षेपण हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता को परखने के लिए भी किया गया. केसीएनए के मुताबिक, किम ने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु मिसाइल बलों के लिए ‘‘कड़े आक्रामक उपायों’’ के साथ प्रतिद्वंद्वियों पर पलटवार करने को तैयार रहना जरूरी है और उन्हें यह एहसास कराना चाहिए कि उनकी लगातार व विस्तारित सैन्य कार्रवाई ‘‘उनके लिए एक अपरिवर्तनीय, गंभीर खतरा ला सकती है.’’ यह भी पढ़ें : यूक्रेन को लड़ाकू विमान देने वाला पहला नाटो देश होगा पोलैंड
उत्तर कोरिया अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यासों को लगातार संभावित आक्रमण का पूर्वाभ्यास बताता आया है, जबकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इन सैन्य अभ्यासों को रक्षात्मक उपायों को बढ़ाने की कवायद बताते आए हैं. उधर, यून और किशिदा की शिखर वार्ता में उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल प्रक्षेपण का मुद्दा छाया रहा. इस दौरान, दोनों नेताओं ने रक्षा वार्ता को फिर से शुरू करने और उत्तर कोरिया और अन्य क्षेत्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ अपने तीन-तरफा सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति भी जताई.