जयपुर, 23 फरवरी पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी के लिए इस्तेमाल किए गए 'शब्द' को लेकर विधानसभा में गतिरोध के बीच सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी के लिए कोई अपमानजनक शब्द इस्तेमाल नहीं किया।
गहलोत ने झुंझुनू में कहा, “हमारे परिवार में जो बुजुर्ग हैं उनको क्या हम दादा-दादी नहीं बोलते हैं? क्या माता पिता, ताऊ ताई नहीं बोलते हैं? ये (दादी) सम्मानजनक शब्द है। हमारी हिंदी के शब्दकोश में भी और हमारी पारिवारिक बोलचाल में भी।”
उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी कांग्रेस की बड़ी नेता रही हैं। ... बेवजह की बातों को मुद्दा बनाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने कोई असम्मानजनक शब्द नहीं कहा। यह सम्मानजनक शब्द है।”
मंत्री ने कहा, “फिर भी मेरी पार्टी, मेरे विधायक दल के नेता जो कहेंगे वह मैं करने को तैयार हूं।”
मंत्री गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’
कांग्रेस के विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई। हंगामे और कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। उसी दिन शाम में सदन में ‘‘अशोभनीय एवं निंदनीय आचरण’’ करने के लिए विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
इसके बाद सदन की कार्यवाही 24 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई और कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए। यह धरना रविवार को भी जारी रहा।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस मुद्दे को लेकर सोमवार को जयपुर में विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है।
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