नयी दिल्ली, 12 फरवरी कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘मोदी सरकार की गारंटी’ का मतलब ‘जुमला’ है क्योंकि उसने जो भी वादे किए, उनको वह पूरा नहीं कर पाई।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार को यह चुनौती दी कि वह अपने बनाए मानक के आधार पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और मोदी सरकार के कार्यकाल की अर्थव्यवस्था से संबंधित 10 वर्षों के आंकड़ों की तुलना करे।
सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी ‘श्वेत पत्र’ लेकर आई। विडंबना यह है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही, बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। मेरी मोदी सरकार को खुली चुनौती है कि वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और भाजपा सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख लें, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों की आंकड़ों के आधार पर तुलना करने की मोदी सरकार की हिम्मत नहीं है।
सुप्रिया ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के ‘श्वेत पत्र’ पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई। इन साजिशों के बावजूद संप्रग सरकार के 10 वर्षों की जीडीपी वृद्धि दर, भाजपा सरकार के 10 वर्षों की जीडीपी दर से कहीं अधिक थी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा सरकार में जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से नीचे आ गयी, लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत ख़त्म हो गई, देश पर कर्ज बढ़ा, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत घटी, पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ, बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज के क्षेत्र में रोजगार घटे, मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ तथा निजी निवेश में गिरावट आई।’’
उन्होंने दावा किया कि कोविड महामारी आने से पहले ही हमारे देश की जीडीपी वृद्धि दर आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण जीएसटी थे।
सुप्रिया ने कहा, ‘‘2016 के बाद 2019 में जीडीपी वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत पर आ गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोविड महामारी पर नहीं फोड़ा जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज भी हमारे देश की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत के आसपास है, जबकि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कोविड महामारी से उबरकर आगे बढ़ चुकी हैं।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि कृषि क्षेत्र में नौकरियों का बढ़ना और विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों में नौकरियां घटना किसी भी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जो वादे किए थे वे पूरे नहीं हुए तथा उसकी ‘‘गारंटी जुमला साबित हुई।’’
सुप्रिया ने कहा, ‘‘मोदी सरकार की 'गारंटी' मतलब ‘जुमला’। हर साल 2 करोड़ रोजगार, 15 लाख रुपये सबके खाते में आएंगे, 100 दिन में वापस आएगा काला धन, पेट्रोल-डीजल 35 रुपए/लीटर मिलेगा, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी, 2022 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी, 2022 तक सभी के सिर पर छत होगी और 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी बनेंगी, यह सभी वादे जुमले साबित हुए।’’
हक
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