नयी दिल्ली, 23 दिसंबर ‘मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज’ (एमएआईडीएस) ने दंत चिकित्सा उपचार को दर्द रहित बनाने के लिए ‘नाइट्रस ऑक्साइड सेडेशन’ यानी ‘लॉफिंग गैस’ देने की शुरुआत की है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
दंत चिकित्सा विभाग ने चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान चिंता और परेशानी को कम करने के लिए ‘लॉफिंग गैस’ तकनीक को अपनाया है ताकि रोगियों को तनाव मुक्त व दर्द रहित अनुभव सुनिश्चित हो।
‘लॉफिंग गैस’ बेहोश करने का एक सुरक्षित व प्रभावी तरीका माना जाता है और कहा जाता है कि यह रोगियों को उपचार के दौरान सचेत रहते हुए शांत व सहयोगी बने रहने में मदद करती है।
एमएआईडीएस ने सोमवार को संस्थान के संकाय, सीनियर रेजिडेंट और विद्यार्थियों के लिए ‘नाइट्रस ऑक्साइड सेडेशन’ पर एक कार्यशाला आयोजित की।
एमएआईडीएस की निदेशक-प्रधानाचार्य डॉ. अरुणदीप कौर लांबा ने बताया कि बेहोशी की मशीन शुरू करने से असहयोगी रोगियों को मदद मिलेगी और दंत चिकित्सा उपचार के प्रदर्शन में वृद्धि होगी।
एक बयान में दावा किया गया कि यह विधि विशेष रूप से बच्चों, किशोरों, दांत निकालने के दौरान डरने वाले व्यक्तियों और अन्य परेशानी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
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