विदेश की खबरें | श्रीलंका में व्यापक स्तर पर प्रदर्शनों से राष्ट्रपति राजपक्षे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा

कोलंबो, 10 अप्रैल श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के तहत 10,000 से अधिक लोग ‘गाले फेस ग्रीन’ पार्क में इकट्ठे हुए और उन्होंने रातभर प्रदर्शन किया।

श्रीलंका ब्रिटेन से 1948 में आजादी हासिल करने के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देशवासी कई घंटों की बिजटी कटौती, गैस, खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी के विरोध में कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

शनिवार को दिन से ही समाज के सभी तबके के लोगों ने गाले फेस में इकट्ठा होना शुरू कर दिया, इसी स्थान पर सचिवालय है और शाम होते-होते पूरा रास्ता प्रदर्शनकारियों से भर गया और यातायात अवरुद्ध हो गया।

एक प्रदर्शनकारी ने रविवार सुबह छह बजे सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा,‘‘ हम अब भी यहां हैं।’’ प्रत्यदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने रात भर प्रदर्शन किया।

वे राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग करते हुए ‘‘घर जाओ गोटा’’ जैसे नारे लगा रहा थे। एक प्रदर्शनकारी ने संवाददाताओं से कहा,‘‘ यह मजाक नहीं है। यह यहां इसलिए हैं क्योंकि हमारे पास बिजली, ईंधन और दवाइयां नहीं है।’’

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘उन्हें जाना चाहिए, उनके पास कोई रास्ता नहीं हैं।’’

गौरतलब है कि संकट के समाधान और आर्थिक कुप्रबंधन के लिए राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों लोग कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

राष्ट्रपति और उनके बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, राजनीतिक रूप से शक्तिशाली अपने परिवार के सार्वजनिक आक्रोश का केंद्र बनने के बावजूद सत्ता पर काबिज हैं। सरकार का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में श्रीलंका की पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था को 14 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।

सरकार का आर्थिक सहायता के लिए 11 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत का कार्यक्रम है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)