जरुरी जानकारी | बाजार में दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 173 अंक टूटा; एल एंड टी 5 प्रतिशत नीचे

मुंबई, 29 अक्टूबर शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 173 अंक टूट गया। मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों की समाप्ति और वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच निवेशकों ने बैंक, वित्तीय और ढांचागत क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली की।

कारोबारियों के अनुसार रुपये की विनिमय दर में गिरावट और प्रमुख कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम अच्छा नहीं रहने से भी निवेशकों की धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा।

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तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 172.61 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,749.85 अंक पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 58.80 अंक यानी 0.50 प्रतिशत टूटकर 11,670.80 अंक पर बंद हुआ।

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सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में एल एंड टी रही। इसमें 4.99 प्रतिशत की गिरावट आयी। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 45 प्रतिशत घटने से शेयर टूटा।

जिन अन्य प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें टाइटन, ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, एचयूएल, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी शामिल हैं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, अल्ट्रा टेक सीमेंट, एचसीएल टेक, कोटक बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं। इनमें 2.79 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

एशियाई बाजारों पर वाल स्ट्रीट का असर पड़ा। दोनों डो जोन्स और एस एंड पी 500 में जून के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट आयी। इसका कारण निवेशकों का कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित होना है।

फ्रांस ने कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये देश भर में ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की घोषणा की है। वहीं जर्मनी ने भी आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी लगायी है।

कारोबारियों के अनुसार अक्टूबर महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों की समाप्ति के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्वि्रसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘उम्मीद के अनुरूप भारतीय बाजारों का ध्यान अब दूसरी तिमाही के परिणाम से वैश्विक बाजारों में जारी गतिविधियों पर गया है जहां स्थिति खराब हो रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण दुनिया भर के बाजारों में उतार-चढ़ाव है। इससे अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार पर असर पड़ा है। इसके अलावा अमेरिका में चुनाव तथा प्रोत्साहन पैकेज को लेकर भी बाजार पर असर पड़ा है। साथ ही अक्टूबर महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों की समाप्ति से भी बाजार का रुख कमजोर रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गिरावट की यह स्थिति अल्प अवधि के लिये रह सकती है। संकट से पार पाने के लिये दुनिया में सरकारों और केंद्रीय बैंकों से मजबूत राजकोष और मौद्रिक प्रोत्साहनों से स्थिति पलट सकती है।’’

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, सोल और तोक्यो बाजारों में गिरावट रही जबकि शंघाई बढ़त के साथ बंद हुआ।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। इसका कारण कंपनियों का उम्मीद से बेहतर वित्तीय परिणाम का होना है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38.39 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था

विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 74.10 पर बंद हुआ।

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