पेशावर: पाकिस्तान के जियारत घर पर्वत पर संगमरमर की खदान की छह इकाइयां ढह गईं, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई. जिओ न्यूज ने मंगलवार को खबर दी कि खदान सोमवार रात ढही जिसमें फौरन ही 12 खनिकों की मौत हो गई. जिला मोहमंद अस्पताल में सात घायलों के दम तोड़ने के बाद मृतक संख्या बढ़ गई. मरने वालों में ज्यादातर श्रमिक हैं.मृतकों में कुछ वे लोग भी शामिल हैं जो खैबर पख्तूनख्वा के सूफी शहर में तलहटी पर जमा हुए थे.
यह शहर अफगानिस्तान सीमा के करीब और प्रांतीय राजधानी पेशावर से 85 किलोमीटर दूर है.
मोहमंद जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) तारिक हबीब ने जिओ न्यूज़ से कहा कि 15 से 20 लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार रात को अंधेरे की वजह से बचाव अभियान प्रभावित हुआ था और बचाव अभियान के लिए भारी मशीने मंगलवार को ही आ सकीं.
खबर के मुताबिक, उपायुक्त इफ्तिखार आलम ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है.
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, जब खदान ढही, उस वक्त तकरीबन 45 मजदूर खुदाई कर रहे थे. खबर के अनुसार, प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने बताया है कि नौ लोगों को बचाया गया है. बचाव अधिकारी बिलाल फैज़ी ने बताया कि अधिकतर घायलों की हालत नाजुक है.
डॉन न्यूज़ ने पीडीएमए के बयान के हवाले से बताया है " मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है. पेशावर से मोहमंद के लिये पांच एंबुलेंस और एक रिकवरी गाड़ी भेजी गई है"
मोहमंद जिला कबायली एजेंसी का क्षेत्र है। यह संगमरमर के भंडार के लिए मशहूर है।
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