छत्रपति संभाजीनगर, नौ नवंबर कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 15 नवंबर से महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे।
जरांगे ने लोगों से अपील की कि अगर कोई उनके दौरे के लिए एक भी रुपया मांगे, तो उसे न दें, क्योंकि दौरे में शामिल होने वाले लोग इसकी व्यवस्था खुद कर रहे हैं।
छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में एक संवाददाता सम्मेलन में जरांगे ने कहा, ‘‘यह आंदोलन पैसा कमाने के लिए नहीं है।’’ पिछले हफ्ते आरक्षण की मांग को लेकर उनका अनशन समाप्त होने के बाद से वह इलाज के लिए इस अस्पताल में भर्ती हैं।
मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन के दूसरे चरण के तहत पिछले महीने भूख हड़ताल पर जाने से पहले जरांगे ने पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों का दौरा किया था।
उन्होंने मराठा आरक्षण से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिए 24 दिसंबर की समयसीमा दी है।
जरांगे ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि वह अपने अगले चरण का दौरा 15 नवंबर को धाराशिव के वाशी से शुरू करेंगे और 23 नवंबर को अहमदनगर जिले के शेवगांव में इसका समापन करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस चरण के तहत वह सोलापुर, सांगली, कराड, सतारा, रायगढ़, रायगढ़ किला, पुणे, ठाणे, पालघर और नासिक का दौरा करेंगे।
जरांगे ने बताया कि वह राज्य के अन्य हिस्सों की यात्रा अगले चरण में करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठा समुदाय के किसी भी व्यक्ति को इस आगामी दौरे के लिए किसी को भी पैसे नहीं देने चाहिए। यात्रा में शामिल होने वाले लोग अपनी व्यवस्था खुद कर रहे हैं। अगर किसी ने पैसा दिया है, तो उसे वापस ले लेना चाहिए। यह आंदोलन पैसा कमाने के लिए नहीं है।’’
महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे के नेतृत्व में व्यापक विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे समिति का दायरा बढ़ा दिया है।
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