छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), छह नवंबर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को कहा कि वह दिवाली के बाद मराठा लोगों से मिलने और उन्हें उनके समुदाय के लिए आरक्षण के मुद्दे के प्रति जागरूक करने के वास्ते महाराष्ट्र का दौरा करेंगे।
जरांगे छत्रपति संभाजीनगर में एक निजी अस्पताल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक रोहित पवार से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। वह दो नवंबर को अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने के बाद से इस अस्पताल में भर्ती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दौरे का विवरण अभी तय नहीं हुआ है। यह आज तय हो जाएगा। मैं महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करूंगा। दौरे के चार चरण होंगे और यह विदर्भ क्षेत्र से शुरू हो सकता है।’’
सामाजिक कार्यकर्ता ने मराठा आरक्षण के दूसरे चरण के आंदोलन के दौरान पिछले महीने अनशन शुरू करने से पहले पश्चिमी महाराष्ट्र का दौरा किया था।
जरांगे मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले एक ‘ऑडियो क्लिप’ प्रसारित हो गयी जिसमें महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि ‘‘हमारे (ओबीसी) लिए यह करो या मरो की स्थिति है और हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए।’’
इस क्लिप के बारे में पूछने पर जरांगे ने कहा, ‘‘मैं उनके (भुजबल) संबंध में कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं। हमारी लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से मराठा आरक्षण के लिए है और हम लड़ेंगे तथा जीतेंगे। चाहे कितना भी दबाव बनाया जाए, यह आंदोलन रुकेगा नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी आलोचना पर ध्यान नहीं देंगे। हम मराठा लोगों के अधिकार की मांग कर रहे हैं।’’
राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल के समयबद्ध कार्यक्रम के साथ मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए जरांगे से मिलने की संभावना है।
इस पर जरांगे ने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल आएगा और मुख्यमंत्री कार्यालय से मुझे इसके बारे में एक संदेश दिया गया है। अगर वे चाहते हैं तो मैं यहां एक कागज पर उनके लिए इसे (आरक्षण मुद्दे के समयबद्ध समाधान की शर्तें) लिखूंगा। वे आएं और यहां हस्ताक्षर करें।’’
महाराष्ट्र कैबिनेट ने पिछले महीने फैसला किया था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठों को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे जिनके पास निजाम युग के ऐसे राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं जिनके जरिए कुनबी के तौर पर उनकी पहचान होती हो।
कृषि से जुड़ा समुदाय कुनबी महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और इसे शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला हुआ है।
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