नयी दिल्ली, 13 अप्रैल लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जाने वाली संभावित घोषणा के एक दिन पहले ही कई केन्द्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को यहां अपने-अपने कार्यालयों से काम करना शुरू कर दिया। इस कदम के तहत सरकार ने कोरोना वायरस संकट के कारण बने हालात से निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कार्यालयों में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मंत्रालयों ने पूरी तरह काम करना शुरू कर दिया है।
ज्यादातर मंत्री और अधिकारी कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा ‘घर से काम करने’ संबंधी निर्देश का पालन कर रहे हैं।
मंत्रियों ने सोमवार को अपने मंत्रालयों के तहत आने वाले क्षेत्रों के हालात का जायजा लिया और लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए व्यवसायिक गतिविधियों को जारी रखने की योजना तैयार करने में जुटे रहे।
कोयला और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, '' मैं लॉकडाउन के दौरान अधिकतर समय घर से ही काम कर रहा था। एक हफ्ते बाद आज मैं शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय आया हूं। वापस आने पर अच्छा महसूस हो रहा है। मोदी सरकार अब सभी मोर्चों पर पूरी तरह से काम पर है।''
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल उन मंत्रियों में शामिल थे जो सोमवार सुबह अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने-अपने कार्यालय पहुंचे।
सरकारी परिवहन की सुविधा पाने वाले संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी सोमवार को कार्यालय पहुंचे।
द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी बारी-बारी से काम कर रहे हैं और इनमें से एक तिहाई सदस्यों का मंत्रालयों में उपस्थित होना जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के अंतिम दिन मंगलवार सुबह 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस बीच, संकेत मिल रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन की अवधि को अगले दो हफ्ते के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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