केंद्र के अनेक फैसले गांधीवादी दर्शन पर आधारित: उपराष्ट्रपति धनखड़
Jagdeep Dhankhar

नयी दिल्ली, 24 सितंबर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास’ का दर्शन एक गांधीवादी विचार है जो ‘हर तरह की राजनीति’ से परे है. उन्होंने केंद्र सरकार के कई फैसलों का उल्लेख किया जो गांधीवादी दर्शन पर आधारित हैं. उपराष्ट्रपति ने समाज के एक वर्ग के बीच इस धारणा को बहुत ‘खतरनाक रुझान’ के रूप में वर्णित किया, जिसके तहत लोग मानते हैं कि केवल वही दर्शन सही है जिसमें वे विश्वास करते हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि गांधी जी सबकी बात को सुनते थे.

वे यहां ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून के समक्ष सभी समान हैं और यह मायने नहीं रखता कि उनका इतिहास क्या है या वे कितने ताकतवर हैं. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति देश के कानून से बंधा है. धनखड़ ने कहा कि गांधी के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महामरी के दौरान दो साल तक 90 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दिया गया, जो किसी देश की कल्पना से परे की बात है. यह भी पढ़ें : गुरुग्राम: बारिश का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी, यातायात पुलिस ने जारी किया परामर्श

धनखड़ ने कहा कि करोड़ों देशवासियों को कोरोना वायरस टीका की दो खुराक लगने से ‘महात्मा की आत्मा संतुष्ट हुई होगी’.

उन्होंने कहा कि गांधीवादी दर्शन के अनुरूप 18 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया ताकि वे खाना पकाने के लिए परंपरागत ईंधन के इस्तेमाल से मुक्ति पा सकें. उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले जो लोग बैंक में प्रवेश करने से डरते थे, उन्हें उनके दरवाजे पर पहुंचकर बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया गया.