शेटराउ (फ्रांस), 28 जुलाई स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को यहां महिला 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक के साथ निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के भारत के 12 साल के इंतजार को खत्म किया और पेरिस ओलंपिक में भारत के पदक का खाता खोला। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज भी बनीं।
पेरिस से लगभग 300 किमी की दूरी पर स्थित निशानेबाजी रेंज में राइफल निशानेबाजों रमिता जिंदल और अर्जुन बबूता ने भी क्रमश: महिला 10 मीटर एयर राइफल और पुरुष 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में जगह बनाकर पदक की उम्मीद जगाई।
यहां के दृश्य तीन साल पहले तोक्यो ओलंपिक से बिल्कुल विपरीत थे जब भारत का प्रतिनिधित्व करने गए 15 निशानेबाजों में से केवल 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी ही फाइनल तक पहुंच पाए थे।
मनु भी तोक्यो में भारतीय टीम का हिस्सा थी और पदक जीतने में नाकाम रहने के बाद निशानेबाजी रेंज से रोते हुए बाहर निकलीं थीं।
इस निशानेबाज ने कहा, ‘‘तोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी और मुझे इससे उबरने में बहुत लंबा समय लगा। सच कहूं तो मैं यह नहीं बता सकती कि आज मैं कितना अच्छा महसूस कर रही हूं।’’
मनु का तोक्यो ओलंपिक में इसी स्पर्धा के क्वालिफिकेशन के दौरान पिस्टल में खराबी के कारण आंसुओं के साथ अभियान समाप्त हो गया था लेकिन आज उनके चेहरे पर मुस्कान थी।
उन्होंने कहा, ‘‘भगवद गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि ‘तुम अपने कर्म पर ध्यान दो, कर्म के परिणाम पर नहीं।’ बस यही बात मेरे दिमाग में चल रही थी।’’
लंदन ओलंपिक 2012 के बाद भारत का निशानेबाजी में यह पहला ओलंपिक पदक है। लंदन में विजय कुमार ने पुरुष 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में रजत जबकि गगन नारंग ने पुरुष 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता था। रियो ओलंपिक 2016 और तोक्यो ओलंपिक से भारतीय निशानेबाज खाली हाथ लौटे थे।
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 22 साल की मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता।
भारतीय निशानेबाज जब बाहर हुईं तो दक्षिण कोरिया की येजी किम से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं जिन्होंने अंतत: 241.3 अंक के साथ रजत पदक जीता।
किम की हमवतन ये जिन ओह ने 243.2 अंक से फाइनल के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ लड़ रही थी। मैं आभारी हूं कि कांस्य पदक जीत सकी। मैंने भगवद गीता पढ़ी है और हमेशा वही करने की कोशिश की जो मुझे करना चाहिए, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया।’’
पच्चीस मीटर पिस्टल स्पर्धा की विश्व चैंपियन निशानेबाज ने कहा, ‘‘हम भाग्य से नहीं लड़ सकते।’’
मनु अपने आखिरी दो शॉट तक दूसरे स्थान पर थीं लेकिन किम ने उनके 10.3 के मुकाबले 10.5 अंक का शॉट मारा जिससे भारतीय निशानेबाज स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गई।
रमिता ने शनिवार को बबूता के साथ मिश्रित टीम फाइनल में जगह बनाने से चूकने की निराशा को दूर करते हुए पांचवें स्थान पर रहकर महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
हांगझोउ एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता रमिता ने क्वालीफिकेशन में 631.5 अंक जुटाए जबकि उनकी हमवतन इलावेनिल वलारिवान ने 630.7 अंक बनाए और 10वें स्थान पर रहते हुए आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं।
रामिता की शुरुआत धीमी रही। वह छठी और अंतिम सीरीज तक शीर्ष आठ में शामिल नहीं थीं लेकिन इसके बाद शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह पक्की की।
तीन साल पहले तोक्यो ओलंपिक में 16वें स्थान पर रहीं इलावेनिल क्वालीफिकेशन दौर में अधिकांश समय तक पांचवें स्थान पर रहीं।
अंतिम सीरीज में 103.8 के खराब प्रदर्शन से 24 वर्षीय पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन इलावेनिल पांचवें से 10वें स्थान पर खिसक गईं तथा फाइनल में जगह नहीं बना पाईं।
नयी दिल्ली और भोपाल में ओलंपिक चयन ट्रायल के दौरान विश्व रिकॉर्ड से 0.1 अंक अधिक 636.4 अंक जुटाने वाली रमिता ने धीमी शुरुआत की। उन्होंने शुरुआती सीरीज में 104.6 का औसत स्कोर बनाया लेकिन अगली सीरीज में उनका स्कोर 106.1 रहा। एक और सामान्य सीरीज में 104.9 अंक जुटाने के बाद उन्होंने लगातार दो बार 105.3 और फिर 105.7 अंक के साथ फाइनल में जगह बनाई।
बबूता ने क्वालीफिकेशन में सातवें स्थान पर रहते हुए पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई।
पच्चीस साल के बबूता ने 105.7, 104.9, 105.5, 105.4, 104.0 और 104.6 अंक की सीरीज के साथ कुल 630.1 अंक जुटाए।
बबूता सोमवार को आठ निशानेबाजों के फाइनल में पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे।
वर्ष 2016 से राष्ट्रीय टीम में शामिल चंडीगढ़ के बबूता ने पिछले साल चांगवोन में एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप के जरिए ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
सेना के संदीप सिंह इसी स्पर्धा में 629.3 अंक के साथ 12वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। संदीप का इसके साथ ही पेरिस खेलों में अभियान खत्म हो गया। उन्होंने अप्रैल-मई में हुए चयन ट्रायल में विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष पाटिल को पछाड़कर पहली बार ओलंपिक में खेलने का हक पाया था।
चीन के शेंग लिहाओ 631.7 अंक के साथ क्वालीफाइंग दौर में शीर्ष पर रहे।
सुधीर मोना
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