Manipur Violence: एक सरकारी अधिकारी ने विपक्ष के दावे को किया खारिज कि मणिपुर ‘‘जल रहा है’’, कहा- 18 जुलाई के बाद से हत्या की कोई घटना नहीं हुई
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने विपक्ष के इस दावे को बृहस्पतिवार को खारिज किया कि मणिपुर ‘‘जल रहा है’’ और कहा कि 18 जुलाई के बाद से राज्य में हत्या की कोई घटना नहीं हुई है.
नयी दिल्ली, 27 जुलाई: एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने विपक्ष के इस दावे को बृहस्पतिवार को खारिज किया कि मणिपुर ‘‘जल रहा है’’ और कहा कि 18 जुलाई के बाद से राज्य में हत्या की कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने दावा किया कि दो विरोधी समुदायों मेइती और कुकी के साथ जारी बातचीत के माध्यम से जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी. यह भी पढ़ें: Manipur Violence: दो नाबालिग और दो महिलाओं सहित 27 लोग लापता, दो पत्रकार शामिल
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) द्वारा केंद्र पर निष्क्रियता का आरोप लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में तीन दिन बिताए, 41 विभिन्न समूहों से मुलाकात की और राज्य में प्रमुख हिंसा स्थलों का दौरा किया.
उन्होंने दावा किया कि किसी मंत्री ने संसद में केवल एक बार अगस्त 1993 में जवाब दिया था जब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने कुकी-नगा संघर्ष के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या और 350 से अधिक गांवों के प्रभावित होने के बाद बात की थी. उन्होंने कहा कि केवल एक बार एक मंत्री, तत्कालीन गृह राज्य मंत्री राजेश पायलट ने साढ़े तीन घंटे के लिए राज्य का दौरा किया था. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के व्यावहारिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला.
सरकारी अधिकारी ने कहा कि मौजूदा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 25 मई से 17 जून के बीच राज्य में 22 दिन बिताए. इस मुद्दे पर मोदी पर विपक्ष के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हिंसा भड़कने के बाद सरकार का रुख तय करने के लिए हर दिन शाह से बात करते थे.
उन्होंने कहा कि कई ऐसे भी दिन थे, जब मोदी ने गृह मंत्री से तीन बार भी बात की है. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कर रहा है और ‘‘झूठी कहानी’’ पेश कर रहा है कि मणिपुर जल रहा है. उन्होंने हिंसा में किसी भी धार्मिक नजरिये को भी खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि उनके बीच अविश्वास की खाई है जिसे पाटने के लिए सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियां मेइती और कुकी समूहों के साथ अलग-अलग बातचीत कर रही हैं ताकि उनकी बात सुनी जा सके और शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद के लिए सभी पक्षों के एक साथ बैठने से पहले उनकी मांगों पर काम किया जा सके.
उन्होंने कहा कि अब तक प्रत्येक पक्ष के साथ अलग-अलग छह दौर की बातचीत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 35,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात करके सरकार मेइती और कुकी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच एक ‘बफर जोन’ बनाने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के 50,000 से अधिक विस्थापित लोगों को सात मई तक सफलतापूर्वक उनके क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘अभी भी अशांति और हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं. लेकिन तथ्य यह कि 18 जुलाई के बाद से हिंसा में कोई भी नहीं मारा गया है, एक संदेश देता है.’’
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