इंफाल, 18 अक्टूबर मणिपुर कांग्रेस ने पिछले चार साल से स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के चुनाव नहीं कराने को लेकर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘‘जनजातीय विरोधी’’ और ‘‘पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का विरोधी’’ होने का आरोप लगाया है।
मणिपुर में छह स्वायत्त जिला परिषद हैं।
कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भाजपा सरकार पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों और जनजातीय विरोधी है क्योंकि उसने पिछले चार वर्ष से एडीसी चुनाव जानबूझकर नहीं कराए।’’
कीशम ने मणिपुर विधानसभा के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्र समिति (एचएसी) द्वारा 14 अक्टूबर को पारित प्रस्ताव की भी आलोचना की, जिसमें कहा गया है कि समिति ने गहन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से ‘‘मणिपुर सरकार को काफी समय से लंबित स्वायत्त जिला परिषदों के चुनाव यथाशीघ्र कराने की सिफारिश करने का संकल्प लिया है।’’
समिति ने यह भी बताया कि एडीसी चुनाव होने तक इसके प्रशासन को चलाने के वास्ते प्रत्येक एडीसी के लिए 20 सदस्यों वाली एक समिति गठित की जाएगी। इस समिति में पूर्व स्थानीय स्वशासन / प्रतिष्ठित व्यक्ति / बुद्धिजीवी वर्ग से 18 सदस्यों को चुना जाएगा और दो लोग जिले के सरकारी मनोनीत सदस्य होंगे।
कीशम ने प्रस्ताव को ‘‘असंवैधानिक एवं अवैध’’ करार दिया और दावा किया कि एचएसी के पास ऐसा कोई प्रस्ताव पारित करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि एडीसी का आखिरी चुनाव 2015 में कांग्रेस सरकार ने कराया था और इसका कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया। मणिपुर में 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में आई और 2020 से पिछले चार वर्षों से एडीसी का कोई चुनाव नहीं हुआ है।
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