इंफाल, 23 सितंबर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भारत-म्यांमा सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने और वहां बाड़ लगाने का काम पूरा करने का आग्रह किया है।
मुक्त आवाजाही व्यवस्था भारत-म्यांमा सीमा के दोनों छोर के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज़ के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक अंदर जाने की अनुमति देती है।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार ‘‘अवैध प्रवासियों’’ की आमद से निपटना जारी रखेगी और भारत-म्यांमा सीमा पर पूर्ण बाड़ लगाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में 60 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कदम उठाए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मौजूदा स्थिति पिछली सरकारों की अनियोजित नीतियों का नतीजा है, न कि किसी हालिया फैसले का तत्काल परिणाम।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, सुरक्षा बल सीमा की ठीक से रक्षा नहीं करते हैं। जीरो प्वाइंट पर तैनात होने के बजाय, वे भारतीय क्षेत्र के अंदर 14-15 किलोमीटर सीमा की रक्षा करते पाए गए।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमें राज्य में वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। अवैध प्रवासियों की आमद से निपटना होगा, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियां शुरू करनी होंगी और चूरा पोस्ते की खेती के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ना होगा।’’
तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 175 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। जातीय हिंसा की शुरुआत तब हुई थी, जब बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आय़ोजन किया गया था।
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