मुंबई, 9 जनवरी: यहां की एक विशेष अदालत ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताकर फिल्मकार राकेश रोशन समेत कई लोगों को ठगने के आरोपी एक दिव्यांग व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश वी. पी. देसाई ने आरोपी अश्विनी कुमार शर्मा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया है.
विशेष लोक अभियोजक संदीप सिंह ने बताया कि शर्मा अपनी दिव्यांगता के कारण व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ था. वह फैसला सुनाने के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित हुआ. बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को आरोपी को विशेष न्यायाधीश के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी थी. वर्तमान में हरियाणा के पानीपत जिले में अपने परिवार के साथ रह रहे शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने की अनुमति मांगी थी.
उसने एक शपथ पत्र देकर कहा था कि वह बाद में इस आधार पर फैसले को अवैध नहीं बताएगा कि इस दौरान अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं था. उसने दावा किया था कि एक दुर्घटना के बाद वह 80 प्रतिशत दिव्यांग हो गया और व्यक्तिगत रूप से अदालत के सामने पेश नहीं हो पाएगा. इस मामले में एक अन्य आरोपी राजेश राजन को पहले ही 2022 में दोषी ठहराया जा चुका है. शर्मा और राजेश को राकेश रोशन जैसी फिल्मी हस्तियों और व्यवसायियों समेत 200 से अधिक लोगों को धोखा देने के आरोप में 2011 में गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी के मुताबिक, आरोपियों ने 2006 से खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को ठगा है.
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