मुंबई, 23 जुलाई मालेगांव में बम विस्फोट के करीब 16 साल बाद इस मामले की सुनवाई निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मामलों की विशेष अदालत अंतिम दलीलों की सुनवाई बुधवार से करेगी।
वर्ष 2008 में हुए इस बम धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज इस मामले के सात आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर शामिल हैं। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने उनमें से एक समीर कुलकर्णी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
अदालत ने मंगलवार को बचाव पक्ष के अंतिम गवाह के परीक्षण के साथ साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग पूरी कर ली। न्यायाधीश ए के लाहोटी अब फैसला सुनाने से पहले अभियोजन और बचाव पक्ष की आखिरी बार दलील सुनेंगे।
उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक घायल हो गए।
पूरे मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों का परीक्षण किया। हालांकि, उनमें से 34 बाद में मुकर गए।
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