अदालत ने कहा कि ‘‘नजीब अपने दुर्भाग्य के लिए खुद जिम्मेदार हैं।’’
संघीय अदालत की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने अगस्त 2022 में सरकारी निवेश कोष 1एमडीबी (मलेशिया डेवल्पमेंट बेरहाद) की लूट से जुड़े एक मामले में नजीब की अंतिम अपील सर्वसम्मति से खारिज कर दी थी और उन्हें सजा काटने के लिए सीधे जेल भेज दिया था।
नजीब ने फैसले की समीक्षा का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि उनके मामले की सुनवाई निष्पक्ष तरीके से नहीं की गई।
संघीय न्यायालय की एक नयी पीठ ने बहुमत के फैसले के खिलाफ नजीब के दावे को खारिज कर दिया। अदालत के इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि नजीब को अब पूरी सजा काटनी होगी।
न्यायलय का फैसला सुनते ही नजीब सन्न रह गए।
पांच में से चार न्यायाधीशें ने कहा कि उन्हें ‘‘फैसले में कोई खामी नहीं दिखी।’’
उन्होंने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया कि नजीब को दोषी ठहराने वाले न्यायाधीशों के हितों में टकराव था और पूर्व प्रधानमंत्री को नए सबूत पेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
न्यायाधीशों ने कहा कि संघीय अदालत की पिछली पीठ ने कानून के अनुसार सही फैसला सुनाया था।
न्यायाधीश वर्नोन ओंग ने कहा, ‘‘इस मामले में हम पूरे सम्मान के साथ यह कहने को विवश हैं कि याचिकाकर्ता अपने दुर्भाग्य के लिए खुद जिम्मेदार है।’’
वहीं, न्यायमूर्ति अब्दुल रहमान सेबली ने असहमति जताते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था में विश्वास होना चाहिए।
नजीब 2009 में मलेशिया के प्रधानमंत्री बने थे। 1एमडीबी घोटाले के सामने आने के बाद 2018 के आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)