नयी दिल्ली, सात अक्टूबर महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि इस साल अप्रैल में पालघर जिले में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना के सिलसिले में कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को राज्य सरकार ने बताया कि उसने इस मामले में पिछले महीने एक हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में इस मामले में कथित रूप से कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित अनेक विवरण दिये गये हैं।
महाराष्ट्र पुलिस ने पिछले महीने यह हलफनामा दाखिल किया था जिसमें बताया गया कि पालघर की घटना के सिलसिले में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी से लेकर वेतन में कटौती जैसी कार्रवाई की गयी है।
शीर्ष अदालत पालघर में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या की घटना की सीबीआई या एनआईए से जांच कराने सहित कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन के दौरान मुंबई के कांदिवली से दो साधु एक कार में गुजरात के सूरत जिले में किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। पालघर के गढ़चिंचली गांव में 16 अप्रैल की रात में पुलिस की मौजूदगी में उनकी कार रोककर उन पर हमला किया गया था।
इस घटना में मारे गये व्यक्तियों की पहचान 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि, 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज और वाहन चालक 30 वर्षीय नीलेश तलगडे के रूप में हुयी थी।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्हें राज्य पुलिस का करीब एक हजार पेज का हलफनामा मंगलवार की रात में मिला है।
इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘हर व्यक्ति अंतिम क्षणों में जवाब क्यों दाखिल कर रहा है।’’ साथ ही पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को इसका जवाब देने के लिये समय दिया जायेगा।
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले में राज्य की एक विंग दूसरी विंग के खिलाफ जांच कर रही है और यह विश्वास पैदा नहीं करेगा।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर विचार करेंगे। हमने हलफनामा पढ़ा नहीं है। हम आज कैसे फैसला कर सकते हैं? याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने दीजिये फिर हम देखेंगे।’’
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘राज्य ने हलफनामा दाखिल किया है। याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर इस हलफनामे का जवाब दाखिल करने दिया जाये।’’
पीठ ने इसके साथ ही इस मामले को 16 नवंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
अनूप
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