मुंबई, 10 जुलाई : महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिला प्रशासन ने पिछले साल जुलाई में जिले में बारिश के चलते 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद बाढ़ एवं भूस्खलन के बारे में प्रभावी संचार के लिए विभिन्न स्थानों पर रीयल-टाइम डेटा एक्विजिशन (आरटीडीए) प्रणाली स्थापित की है.
रत्नागिरि महाराष्ट्र का एक तटीय जिला है जो राज्य की राजधानी मुंबई से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और वहां मानसून के मौसम में भारी वर्षा होती है. पिछले साल रत्नागिरि का चिपलून शहर भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. जिले में 20 से अधिक व्यक्तियों की मौत हो गई थी और मृतकों में कोविड-19 के आठ मरीज शामिल थे, जिनकी मौत अस्पताल में बाढ़ का पानी घुसने से हो गई थी. यह भी पढ़ें : असम में ग्रामीण अदालत ने सजा के तौर पर व्यक्ति को जिंदा जलाया
रत्नागिरि के जिलाधिकारी डॉ बी एन पाटिल ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि लोगों के हताहत होने और वित्तीय क्षति ने जिला प्रशासन को डेटा संग्रह, विश्लेषण और अलर्ट जारी करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रेरित किया, जो पारंपरिक संचार माध्यमों के विफल होने पर काम कर सकती है.