अकोला (महाराष्ट्र), 14 मई: महाराष्ट्र के अकोला शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हो जाने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है और दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोग घायल हो गए है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने संवेदनशील ‘ओल्ड सिटी’ इलाके में शनिवार को रात करीब साढ़े 11 बजे हुई झड़प के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया है. यह भी पढ़ें: Akola Violence: अकोला में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो समूहों के बीच झड़प, शहर के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू
जिला मजिस्ट्रेट नीमा अरोड़ा ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के चार पुलिस थाना क्षेत्रों में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने का आदेश दिया, ताकि लोगों को गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने से रोका जा सके.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप घुगे ने बताया कि किसी सोशल मीडिया मंच पर एक धार्मिक पोस्ट के वायरल हो जाने के बाद हिंसा हुई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोनिका राउत ने बताया कि दोनों समूहों के सदस्यों ने एक दूसरे पर पथराव किया. इस दौरान कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.
राउत ने बताया कि पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया और हालात अब काबू में हैं.
घुगे ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ अन्य लोग घायल हो गए। घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो दंगाइयों द्वारा पथराव किए जाने के दौरान घायल हो गए थे.’’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं और इस घटना के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया है.
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राज्य के उपमुख्यमंत्री और अकोला जिले के संरक्षक मंत्री देवेंद्र फडणवीस स्थिति पर नजर रख रहे हैं। फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
राउत ने बताया कि घटना के बाद शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अमरावती से राज्य रिजर्व पुलिस के एक हजार कर्मियों को अकोला शहर में तैनात किया गया है. राउत ने नागरिकों से अपील की कि वे घबराए नहीं और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
जिला मजिस्ट्रेट नीमा अरोड़ा ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के चार पुलिस थाना क्षेत्रों में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने का आदेश दिया, ताकि लोगों को गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने से रोका जा सके.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप घुगे ने बताया कि किसी सोशल मीडिया मंच पर एक धार्मिक पोस्ट के वायरल हो जाने के बाद हिंसा हुई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोनिका राउत ने बताया कि दोनों समूहों के सदस्यों ने एक दूसरे पर पथराव किया. इस दौरान कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.
राउत ने बताया कि पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया और हालात अब काबू में हैं.
घुगे ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ अन्य लोग घायल हो गए। घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो दंगाइयों द्वारा पथराव किए जाने के दौरान घायल हो गए थे.’’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं और इस घटना के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया है.
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि राज्य के उपमुख्यमंत्री और अकोला जिले के संरक्षक मंत्री देवेंद्र फडणवीस स्थिति पर नजर रख रहे हैं। फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
राउत ने बताया कि घटना के बाद शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अमरावती से राज्य रिजर्व पुलिस के एक हजार कर्मियों को अकोला शहर में तैनात किया गया है. राउत ने नागरिकों से अपील की कि वे घबराए नहीं और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें.
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