नागपुर/मुंबई, 20 दिसंबर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य दलों ने राज्य की अधिकतम ग्राम पंचायतों में जीत मिलने का मंगलवार को अलग-अलग दावा किया।
यह इस साल जून में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद हुए पहला स्थानीय निकाय चुनाव है।
मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े एवं उद्धव ठाकरे नीत खेमे, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने जीत मिलने के दावे किए हैं, जबकि चुनाव दलीय आधार पर नहीं लड़े गए थे।
राज्य में 7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था और नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवारों ने 2,482 सीट जीती हैं, जबकि शिंदे गुट ने 842 सीट पर जीत का दावा किया है।
राकांपा ने 1,215 सीट जीतने का दावा किया है, जबकि कांग्रेस ने दावा किया कि उसकी पार्टी से सर्वाधिक 900 से अधिक सरपंच चुने गए हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट ने कहा कि उसे 639 सीट मिली हैं।
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग (एमएसईसी) ने कहा कि चुनाव पैनल (इसमें राजनीतिक संबद्धता से परे उम्मीदवारों के समूह शामिल हैं) द्वारा लड़े गए थे, इसलिए आयोग किसी विशेष पार्टी द्वारा जीत हासिल किये गये क्षेत्र या सीट की संख्या बताने वाला आंकड़ा प्रदान नहीं करता।
उसने कहा, ‘‘7,682 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान हुआ, जिनके जरिए 65,996 सदस्यों का चुनाव होना था। विभिन्न स्थानीय कारणों की वजह से 14,028 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए।’’
आयोग ने कहा, ‘‘राज्य के 7,619 गांवों में से 699 गांव में सरपंचों (ग्राम प्रधान) को निर्विरोध चुना गया है। बहरहाल, 63 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए कोई नामांकन नहीं भरा गया था।’’
इससे पहले दिन में, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने चुनाव परिणाम को पार्टी के लिए एक ‘‘ऐतिहासिक’’ जीत करार दिया था, जबकि कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने भाजपा पर चुनाव परिणामों के बारे में गलत प्रचार करने का आरोप लगाया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)