मुंबई, 22 अगस्त : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार साइबर खुफिया इकाई का गठन करेगी. फडणवीस ने महाराष्ट्र विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में कहा कि खासकर कोरोना महामारी के बाद साइबर अपराध बढ़ गये हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन माध्यम से वित्तीय लेनदेन करने को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने कहा, “हम वेबसाइट और सोशल मीडिया को ट्रैक करते हैं, लेकिन साइबर खुफिया इकाई महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ रही है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि (राज्य) सरकार एक साइबर खुफिया इकाई स्थापित करेगी.’’ फडणवीस गृह विभाग भी संभालते हैं.
उन्होंने कहा कि कई बार साइबर धोखेबाज अलग-अलग राज्यों और देशों से धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देते हैं. उपमुख्यमंत्री ने चीनी ऋण ऐप का उदाहरण दिया, जिनमें से कुछ नेपाल से संचालित होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन चीनी ऋण ऐप के कई कॉल सेंटर नेपाल से संचालित होते हैं. राज्य पुलिस ने नेपाली अधिकारियों से संपर्क किया है.’’ फडणवीस ने कहा कि राज्य की साइबर इकाई ने एक 'साइबर वॉच' मॉड्यूल तैयार किया है, जिसने ऐसे ऋण आवेदनों को ट्रैक किया है और कार्रवाई की गई है. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र विधानसभा में नगर परिषदों के प्रमुखों के चुनाव प्रक्रिया में बदलाव के लिए विधेयक पारित
उन्होंने कहा, ‘‘हम साइबर इकाई को मजबूत करने के प्रयास करेंगे.’’ उन्होंने आगे कहा कि कार्मिकों का प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी की आउटसोर्सिंग की जाएगी. पूर्व गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि भारत में 18 प्रतिशत साइबर अपराध महाराष्ट्र में होते हैं. पाटिल ने कहा, ‘‘हालांकि साइबर अपराध से संबंधित पुलिस महानिरीक्षक का पद ‘साइड-पोस्टिंग’ समझा जाता है.फडणवीस ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि साइबर अपराध विभाग में निचले स्तर पर ढांचा तैयार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार इस पहलू पर भी विचार करेगी.