सतारा, 3 जनवरी : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले द्वारा दिखाए गए समानता के मार्ग पर चलेगी. ज्योतिराव फुले ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी, समानता की वकालत की और वंचित समुदायों के सशक्तीकरण के लिए काम किया. उन्हें और सावित्रीबाई फुले को भारत में महिला शिक्षा का अग्रदूत माना जाता है.
आधुनिक भारत की पहली शिक्षिका मानी जाने वाली सावित्रीबाई फुले की जयंती पर पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में उनके जन्मस्थान नायगांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल और राज्य मंत्री अतुल सावे मौजूद थे.
फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘राज्य सरकार फुले द्वारा दिखाए गए समानता के मार्ग पर काम करेगी. इस गांव के सरपंच द्वारा की गई मांग जल्द ही पूरी की जाएगी. अगले छह वर्षों में हम सावित्रीबाई फुले की 200वीं जयंती मनाएंगे. इससे पहले उनके स्मारक का काम पूरा हो जाना चाहिए. हम इस परियोजना के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेंगे.’’ यह भी पढ़ें : बीपीएससी विवाद:प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी,सांसद पप्पू के समर्थकों ने रेल सेवा बाधित की
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य और देश में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण होगा. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि हम राज्य में लखपति दीदी की संख्या बढ़ाएंगे.’’ लखपति दीदी एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य होती है, जिसकी वार्षिक घरेलू आय एक लाख रुपये या उससे अधिक होती है.