मुंबई, 10 सितंबर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को नागरिकों से अपील की कि वे कोरोना वायरस के खिलाफ एक दमदार आंदोलन छेड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भगवान गणेश से ‘सभी बुराई और नकारात्मकता’ को खत्म करने की प्रार्थना की. महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई महानगर और अन्य शहरों में शुक्रवार को गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में सादगी के साथ भगवान गणेश का स्वागत किया. हालांकि कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के खतरे के बीच इस साल भी राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह शहरों में भीड़भाड़ को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती और ऐसे में श्रद्धालु बप्पा के दर्शन ऑनलाइन ही कर पाएंगे. महामारी के प्रकोप के बीच लगातार यह दूसरा साल है जब इस उत्सव के आयोजन पर महाराष्ट्र सरकार ने भीड़भाड़ से बचने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य किसी भी त्योहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार कर महामारी को स्थायी तौर पर खत्म करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. पिछले दो साल से हम उत्सव के दौरान प्रतिबंध लगाने को मजबूर हुए. लोगों का जीवन और स्वास्थ्य किसी भी त्योहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है. मुझे आत्मविश्वास है कि भगवान गणेश जो विघ्नहर्ता हैं, वह इस दुष्ट वायरस का समूल नाश करेंगे.’’ ठाकरे ने नागरिकों से कहा कि वह इस त्योहार का इस्तेमाल सतर्कता र और सभी नियमों का पालन कर कोरोना वायरस से पीछा छुड़ाने के लिए एक आंदोलन शुरू करने में करें. ठाकरे ने कहा, ‘‘ जिस तरह लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव का इस्तेमाल लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने के लिए प्रेरित करने में किया, उसी तरह सभी मंडल और संगठनों को त्योहार का इस्तेमाल वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने और इसे स्थायी तौर पर समाप्त करने में सुनिश्चित करने के लिए करना चाहिए.’’ वह दक्षिणी मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में पारंपरिक पूजा करने के बाद बोल रहे थे. विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रार्थना स्थलों को खोलने की मांग दोहराते हुए कहा कि इन स्थलों से जुड़े लोगों की आजीविका पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है.
महाराष्ट्र में बेहद धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होता है और 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी को मूर्तियों के विसर्जन के साथ संपन्न होता है. वैश्विक महामारी के कारण लगातार दूसरी बार गणेश उत्सव का उत्साह फीका रहेगा क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने सभाओं और जुलूस से बचने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने वैश्विक महामारी के कारण गणेशोत्सव के दौरान लोगों के पंडाल में जाने पर रोक लगाई और कहा है कि पंडाल से केवल ऑनलाइन दर्शन की अनुमति दी जाएगी. कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए मुंबई पुलिस ने भी 10 सितंबर से 19 सितंबर के बीच गणेश उत्सव के दौरान धारा 144 लागू करने का निर्णय किया है. यह भी पढ़ें : Bhabanipur By Election: बीजेपी उम्मीदवार Priyanka Tibrewal ने ममता बनर्जी पर बोला हमला, यहां पढ़ें क्या कहा
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के गृह विभाग ने पंडालों में जाने पर पाबंदी लगाने संबंधी परिपत्र जारी किया है. साथ ही, भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने की ऊंचाई को भी सीमित कर दिया गया है. मुंबई में, लगभग 12,000 सार्वजनिक (समुदाय) मंडल और लगभग दो लाख घर हैं जहां भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहीबावकर ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि पिछले वर्ष 90 प्रतिशत मंडलों ने ही कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए त्योहार मनाया था, जबकि इस वर्ष सभी मंडल गणपति की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं.