VIDEO: गद्दार नारेबाजी पर भड़के CM एकनाथ शिंदे, काफिला रोक साकीनाका में कांग्रेस उम्मीदवार नसीम खान के कार्यालय पहुंचे, दी कड़ी नसीहत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले को एक व्यक्ति द्वारा रोकने की कोशिश करने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में व्यक्ति शिवसेना को तोड़ने और सत्ता के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ देने के लिए उन्हें ‘गद्दार’ कहता सुनाई दे रहा है.
मुंबई, 12 नवंबर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले को एक व्यक्ति द्वारा रोकने की कोशिश करने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में व्यक्ति शिवसेना को तोड़ने और सत्ता के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ देने के लिए उन्हें ‘गद्दार’ कहता सुनाई दे रहा है. विधानसभा के लिए मतदान से एक सप्ताह पहले सामने आया वीडियो राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. वीडियो मुंबई के साकीनाका इलाके का बताया जा रहा है. इसमें दिख रहा है कि संतोष कटके नामक युवक ने काले झंडे लहराकर शिंदे के काफिले को बाधित करने की कोशिश की और उन्हें ‘गद्दार’ कहा.
इस घटना के बाद शिंदे को अपना काफिला रोककर वाहन से बाहर निकलना पड़ा. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि घटना कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नसीम खान के कार्यालय के बाहर हुई. घटना के बाद शिंदे खान के कार्यालय में पहुंचे और पार्टी कार्यकर्ताओं से घटना के बारे में पूछताछ की तथा पूछा कि क्या वे इस तरह के व्यवहार को उचित मानते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि कटके को सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया और पुलिस को सौंप दिया. उन्होंने बताया कि उसे कुछ देर बाद जाने दिया गया. कटके अपने पिता के साथ मंगलवार को मातोश्री (उद्धव ठाकरे का निजी निवास)गया और शिवसेना (उबाठा) में शामिल हो गया. पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने स्वयं उसका स्वागत किया. यह भी पढ़ें : बांटने वाली नहीं, समावेशी सरकार बनाने के लिए वोट दें : खरगे की मतदाताओं से अपील
संतोष कटके ने संवाददाताओं को बताया कि शिंदे को देखते ही उसका गुस्सा फूट पड़ा और उसने उक्त शब्द कहे. पिछले साल जून में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ताओं ने शिंदे और अन्य शिवसेना विधायकों के बगावत करने की पहली वर्षगांठ को ‘गद्दार दिन’ के रूप में मनाया था. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में जून 2022 में अविभाजित शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाडी सरकार गिर गई थी जिसमें शिवसेना के अलावा राकांपा और कांग्रेस शामिल थीं.