भोपाल, एक जनवरी मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान नीत भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार तीन जनवरी को होगा। इसमें केवल दो ही मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने की संभावना है।
भाजपा सूत्रों ने शुक्रवार की रात बताया, ‘‘अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस मंत्रिमंडल विस्तार में केवल दो ही मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।’’
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसीराम सिलावट एवं गोविन्द सिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
ये दोनों चौहान मंत्रिमंडल में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। दोनों को पिछले साल 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था, लेकिन तब वे विधायक नहीं थे। इसके चलते उन्हें पिछले साल संवैधानिक बाध्यता के कारण छह माह पूरे होने से एक दिन पहले मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दिया था।
उपचुनाव में अपनी-अपनी सीट जीतकर अब वे दोनों विधायक बन गये हैं।
मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के 11 नवंबर को परिणाम आने के बाद से ही मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी।
कुल 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में मंत्रिमंडल में कुल 35 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री चौहान सहित कुल 29 सदस्य हैं। इस हिसाब से चौहान इसमें छह और मंत्रियों को रख सकते हैं।
पार्टी के एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘‘अभी दो लोगों को ही मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है। लेकिन, मंत्रिमंडल के इस विस्तार में ऐन वक्त पर कुछ और लोगों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, किसी को मंत्री बनाना यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।’’
उपचुनावों से पहले मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित 34 सदस्य थे। तुलसीराम सिलावट एवं गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद इनकी संख्या घटकर 32 रह गई और इस उपचुनाव में तीन मंत्री एदल सिंह कंषाना, इमरती देवी एवं गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गये, जिसकी वजह से उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वर्तमान में मंत्रिपरिषद में 29 सदस्य रह गये हैं।
मध्यप्रदेश के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल का विस्तार तीन जनवरी को दोपहर करीब 12.30 बजे होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक भी दोपहर करीब तीन बजे शपथ लेंगे।
मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नये मंत्रियों एवं मुख्य न्यायाधीश को पद की शपथ दिलाएंगी। वह उत्तरप्रदेश की भी राज्यपाल हैं।
रफीक वर्तमान में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं और उन्हें वहां से स्थानांतरित कर 31 दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।
मालूम हो कि चौहान ने पिछले साल 23 मार्च को अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान 29 दिनों तक अकेले ही सरकार चलाते रहे। बाद में 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया गया।
इसी बीच, मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तीन जनवरी को प्रातः भोपाल आएंगी। राज्यपाल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश को शपथ ग्रहण कराएंगी। राज्यपाल पटेल अपराह्न में भोपाल से वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के लिए रवाना होंगी।’’
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