नयी दिल्ली, 17 अप्रैल: दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना का सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाये जाने पर आपत्ति जताना सदन का ‘अपमान’ है और यह उनके संवैधानिक पद के अनुरूप नहीं है. दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने आरोप लगाया कि सदन की प्रतिष्ठा और शक्ति कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने इस मामले को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आदेश दिया. यह भी पढ़ें: Delhi MCD Election: आप ने शेली ओबेरॉय को मेयर, आले इकबाल को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया
बिड़ला ने कहा कि समिति को यह भी गौर करना चाहिए कि क्या उपराज्यपाल को इस मामले में तलब किया जाना चाहिए. विधानसभा सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ और उपाध्यक्ष ने महाराष्ट्र में एक घटना समेत हाल की घटनाओं में लोगों की मौत पर सदन में शोक जताया.
इसके बाद आप विधायक संजीव झा ने दिल्ली सरकार द्वारा मौजूदा सत्र बुलाए जाने में उपराज्यपाल द्वारा ‘प्रक्रियागत खामियों’ पर चिंता जताने का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल की आपत्ति सदन का ‘अपमान’ है. झा ने कहा कि उपराज्यपाल मंत्री परिषद की सलाह पर ही सदन को कोई संदेश भेज सकते हैं। अगर (उपराज्यपाल को संविधान की समझ नहीं है तो उन्हें कानून तथा संविधान के मामलों पर किसी (विशेषज्ञ) से सलाह लेनी चाहिए.
आप विधायक ने सक्सेना की आलोचना करते हुए कहा कि उनका काम कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखना है. उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में कानून एवं व्यवस्था की हालत ‘खराब’ है, मादक पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं और ‘डीडीए की निष्क्रियता’ के कारण ‘तेजी से’ जमीन पर कब्जे हो रहे हैं. गौरतलब है कि उपराज्यपाल सक्सेना ने राज्य विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने में ‘प्रक्रियागत खामियों’ को लेकर रविवार को चिंता जताई थी. इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि वह (मुख्यमंत्री) चाहते हैं कि उपराज्यपाल संविधान का फिर से अध्ययन करें.
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