नयी दिल्ली, 4 जून : निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदान के रुझानों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सहित कुछ हिंदी भाषी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आश्चर्यजनक रूप से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने इन राज्यों में अपना प्रभुत्व साबित किया था और कहा जाता है कि इसकी बदौलत ही वह केंद्र में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही थी. राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है. कुल 543 सदस्यीय लोकसभा में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक 80 सांसदों को भेजता है.सुबह 11.05 बजे तक निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से पता चला कि भाजपा 35 सीटों पर और सपा 34 सीटों पर आगे हैं. विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन राज्य की 42 सीटों पर आगे है.
भाजपा ने 2019 में राज्य में 62 सीटें जीती थीं और उसने सपा को महज पांच सीटों पर समेट दिया था. हरियाणा में कांग्रेस आगे है जबकि भाजपा पीछे. इस राज्य में कांग्रेस जहां छह सीटों पर आगे है वहीं भाजपा ने चार सीटों पर बढ़त हासिल कर रखी है.
राजस्थान में भाजपा 14 सीटों पर जबकि कांग्रेस आठ सीटों पर आगे है. साल 2019 में, भाजपा ने हरियाण और राजस्थान की सभी 10 और 24 (25 में से) सीटों पर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में एक सीट पर भाजपा के सहयोगी दल ने जीत दर्ज की थी. यह भी पढ़ें : Andhra Pradesh Election 2024 Result LIVE: आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में TDP बड़ी जीत की ओर, वाई एस जगन मोहन रेड्डी आगे
बिहार में भाजपा-जदयू-लोजपा (आर) गठबंधन को राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने अभी तक यहां बढ़त हासिल कर रखी है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन 40 में से 31 सीटों पर आगे है. उन्होंने 2019 में 39 सीटें जीती थीं. रुझानों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को भाजपा के लिए अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर माना जा रहा है. यह राज्य 2014 के बाद से भाजपा के गढ़ में तब्दील होता गया था. हालांकि, आंकड़े शुरुआती रुझानों पर आधारित हैं. वोटों की गिनती जैसे-जैस आगे बढ़ेगी, इसमें बदलाव संभव है.