कोटा, 10 मई राजस्थान के कोटा की एक पॉक्सो अदालत ने 43 वर्ष के एक उर्दू शिक्षक को पिछले वर्ष नवंबर में इस जिले के एक गांव स्थित एक मदरसे में छह साल की बच्ची से बलात्कार को लेकर आजीवन कारावास (स्वाभाविक मृत्यु होने तक जेल में रखने) की सजा सुनाई है।
अदालत ने अब्दुल रहीम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायाधीश दीपक दुबे ने सजा के आदेश में भावनात्मक काव्य पंक्तियां लिखीं। न्यायाधीश ने लिखा, ‘‘ओ मेरी नन्ही मासूम परी रानी, तुम खुश हो जाओ, तुम्हे रूलाने वाले दुष्ट राक्षस को हम जिंदगी की आखिरी सांस तक के लिए सलाखों पीछे भेज दिया है, अब तुम इस धरती पर निडर हो कर अपने सपनों के खुले आसमान मैं पंख लगा कर उड़ सकती हो, तुम सदा हंसती रहो, चहकती रहो, बस यही प्रयास है हमारा।’’
लोक अभियोजक ललित शर्मा के मुताबिक, बच्ची 13 नवंबर 2021 को मदरसे में उर्दू पढ़ने गई थी। कक्षा समाप्त होने के बाद जब अन्य छात्र चले गए थे और वह अकेली थी तब रहीम ने उसके साथ बलात्कार किया।
उन्होंने बताया कि बच्ची ने जब इस बारे में अपने माता-पिता को जानकारी दी तो उन्होंने अगले दिन देगोड पुलिस थाने में रहीम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मौलवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3) और धारा 5 (एफ) (एम)/6 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया और उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया।
शर्मा ने कहा कि पुलिस ने छह जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कम से कम 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 23 दस्तावेज अदालत में पेश किए गए।
रहीम खुद तीन बेटियों और एक बेटे का पिता बताया जाता है।
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