UP Shocker: मथुरा में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

मथुरा जिले की दो अलग-अलग अदालतों ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड भी लगाया.

मथुरा (उप्र), 17 मार्च : मथुरा जिले की दो अलग-अलग अदालतों ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड भी लगाया. लोक अभियोजक अलका शर्मा ने रविवार को बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) रामकिशोर की अदालत ने महावन थाना क्षेत्र की एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी उसके पड़ोसी रंजीत को दोषी करार देते हुए उम्रकैद एवं 52 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई शर्मा ने बताया कि 24 सितंबर 2023 की रात को महावन थाना क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित जाति की आठ साल की बच्ची गांव के ही निर्माणाधीन मकान से लौट रही थी, तभी उसे उसके रिश्ते का चाचा रंजीत चॉकलेट का लालच देकर सुनसान जगह ले गया और दुष्कर्म किया. आरोपी उसे पार्क में लहूलुहान अवस्था में पड़ा छोड़ गया.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपी रंजीत को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेजा और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सजा सुनाई. एक अन्य मामले में मथुरा में ही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामराज द्वितीय की अदालत ने शनिवार को नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास तथा 65 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. विशेष लोक अभियोजक रामवीर सिंह यादव ने बताया कि मांट थाना में पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी 14 वर्षीय बेटी पांच जनवरी 2021 को जब शौच के लिए जा रही थी, तभी मोरध्वज उर्फ रिंकू उसे जबर्दस्ती अपनी बाइक पर बिठा कर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. यह भी पढ़ें: पुणे :नाबालिग के तोड़फोड़ में शामिल होने पर पालकों पर होगी कार्रवाई – पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार

उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी रिंकू को गिरफ्तार कर मामले की जांच की तो शिकायत सही निकली. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो अधिनियम) प्रथम में हुई. यादव ने बताया कि न्यायाधीश ने सभी साक्ष्यों की परख व गवाहों को सुनने के बाद शनिवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास तथा 65 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.

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