चंडीगढ़, 25 दिसंबर किसानों की मांगों के प्रति अपना समर्थन जताते हुए पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने खनौरी में आंदोलन स्थल पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से बुधवार को मुलाकात की और उनसे इलाज कराने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य ‘‘महत्वपूर्ण’’ है।
डल्लेवाल का आमरण अनशन बुधवार को 31वें दिन में प्रवेश कर गया।
प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के मंत्री और ‘आप’ की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा, मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां, बलबीर सिंह, बरिंदर कुमार गोयल, हरदीप सिंह मुंडियां, तरुणप्रीत सिंह, लालजीत सिंह भुल्लर और पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अमंशेर सिंह शैरी कलसी शामिल थे।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
डल्लेवाल (70) केंद्र सरकार पर किसानों की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए खनौरी सीमा पर 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर हैं।
उनका इलाज कर रहे एक एनजीओ के डॉक्टरों ने पहले कहा था कि किसान नेता ने अपने अनशन के दौरान कुछ भी नहीं खाया है और वह सिर्फ पानी पी रहे हैं। उन्होंने भी उनकी हालत को ‘‘गंभीर’’ बताया है।
डॉक्टर नियमित रूप से उनकी जांच कर रहे हैं। हालांकि डल्लेवाल ने अपनी बिगड़ती सेहत के बावजूद इलाज कराने से इनकार कर दिया है।
डल्लेवाल से मुलाकात के बाद अमन अरोड़ा ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र की गलत नीतियों के कारण किसानों को अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक आंदोलन करना पड़ा और अब पिछले दस महीनों से किसान अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी सीमाओं पर फिर से आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को निरस्त करते समय किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘डल्लेवाल के अनशन को एक महीना हो गया है। उनका आंदोलन वास्तविक मांगों के लिए है और वह पंजाब के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन हम केंद्र के उदासीन रवैये को जानते हैं।’’
अरोड़ा ने कहा, ‘‘हमने डल्लेवाल साहब से कहा कि ‘आप’ सरकार और हमारी पार्टी तथा पूरा पंजाब उनके आंदोलन में उनके साथ है। लेकिन हमने उनसे कहा कि आंदोलन को सफल बनाने तथा अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसका नेतृत्व करने वाले का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा कि ‘आप’ के सांसद समय-समय पर सहयोगी दलों के साथ संसद में किसानों का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन केंद्र सुनने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि हाल में आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के समक्ष डल्लेवाल के स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया था और उनसे हस्तक्षेप करने तथा आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने का आग्रह किया था।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘आज हमने डल्लेवाल जी से अनुरोध किया है कि अगर वह अपना अनशन समाप्त कर दें तो बेहतर होगा।" उन्होंने कहा, ‘‘हम इस उम्मीद से आए थे कि डल्लेवाल हमारा अनुरोध स्वीकार करेंगे।’’
हालांकि बाद में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि जब तक एमएसपी की मांग पर कानूनी गारंटी नहीं दी जाती, तब तक डल्लेवाल का अनशन पहले की तरह जारी रहेगा।
कोहाड़ ने कहा, ‘‘डल्लेवाल जी ने कल मंच से यह बात स्पष्ट कर दी थी।’’
अरोड़ा ने कहा कि केंद्र की ‘‘उदासीनता और बेशर्मी’’ को देखते हुए, "हम सभी जानते हैं कि यह आंदोलन लंबे समय तक जारी रहेगा और इसके लिए डल्लेवाल साहब का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।"
एक सवाल के जवाब में अरोड़ा ने कहा, ‘‘यदि किसान चाहें तो हम सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं। लेकिन सभी जानते हैं कि भाजपा का रुख क्या होगा, क्योंकि किसानों की मांगें केंद्र से संबंधित हैं। हमारा कहना है कि ऐसी रणनीति होनी चाहिए, जिसका नतीजा निकले।’’
जब उनसे पूछा गया कि डल्लेवाल ने कहा है कि उन्हें धरना स्थल से नहीं हटाया जाना चाहिए, तो अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है और उन्होंने ऐसी अफवाहों को निराधार बताया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि वह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मेडिकल टीम पहले ही आंदोलन स्थल पर तैनात कर दी गई है।’’
बलबीर सिंह ने कहा, ‘‘हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। हम उनसे कह रहे हैं कि कम से कम इलाज तो लें। अगर वह सहमत होते हैं तो हम आंदोलन स्थल पर ही इलाज शुरू कर सकते हैं।’’
इससे पहले दिन में अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी खनौरी में डल्लेवाल से मुलाकात की।
औजला ने कहा कि वह उनका हालचाल जानने गए थे।
लंबे समय से जारी उनके अनशन को लेकर चिंता जताते हुए औजला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने डल्लेवाल से अनुरोध किया कि लोगों को उनके मार्गदर्शन की जरूरत है और लोगों को उनके जैसे नेताओं की जरूरत है और उनका स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि डल्लेवाल ने उनसे कहा कि राजनीतिक नेताओं को किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
छह से 14 दिसंबर के बीच 101 किसानों के एक ‘जत्थे’ ने तीन बार दिल्ली की तरफ कूच करने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक दिया।
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