जयपुर, 16 नवंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि कानून की नजर में सभी समान हैं और सबको न्याय पाने का समान अधिकार है।
गहलोत ने कहा कि समानता का यह बुनियादी अधिकार भारतीय संविधान ने हम सबको दिया है, जिससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं।
गहलोत ने बगरू के दहमींकला में भीमराव आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि 387 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस विधि विश्वविद्यालय की नींव रखा जाना प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से राज्य सरकार का प्रदेश में सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था तथा सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने का उद्देश्य पूरा हो सकेगा।
गहलोत ने कहा, ‘‘डा. भीमराव आंबेडकर ने देश के संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी तथा हमारे महान नेताओं और महापुरुषों ने लोकतंत्र और संविधान के जरिए हमें कानून का राज विरासत में सौंपा। इसने दुनिया को एक सुदृढ़ लोकतंत्र का रास्ता दिखाया।’’
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन जैसे देशों में भी महिलाओं को समान अधिकार मिलने में 100 वर्ष से अधिक समय लग गया, लेकिन डा आंबेड़कर की दूरगामी सोच तथा समानता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण भारत में संविधान बनने के साथ ही महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हो सके।
गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है इस विश्वविद्यालय की जिस उद्देश्य से स्थापना की गई है उसके अनुरूप सभी विधि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था स्थापित होने पर ही पीड़ित को सम्मान के साथ न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष स्थापित किए गए हैं और प्राथमिकी अनिवार्य की गई है। उन्होंने कहा कि अब फरियादी सम्मान के साथ थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सभी प्रकार की दवाइयां और जांचें निःशुल्क कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना द्वारा शहरी क्षेत्र में आमजन को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है।
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