देश की खबरें | तृणमूल एवं सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण लोस की कार्यवाही आधे घंटे स्थगित

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को मदद नहीं दिये जाने के आरोपों को लेकर लोकसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।

आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के क्रम में तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी ने पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान सहकारी संघवाद को तहस-नहस करने का आरोप लगाया।

इसी क्रम में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि बनर्जी संभवत: कोरोना के समय सो रहे थे।

राय ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया जानती है कि कोरोना के वक्त मोदी सरकार ने कैसी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के वक्त पश्चिम बंगाल सरकार ने आपदा के समय टीकों वाले वाहनों को ‘‘ट्रैफिक क्लियरेंस’’ तक नहीं दिया।

राय ने यह भी कहा कि लोगों पर दबाव डाला जाता था कि वे टीका न लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनता को मरने के लिए छोड़ दिया था।

इस पर बनर्जी ने कहा कि झूठ बोलने वालों को कौआ भी काटता है। फिर राय ने जवाब दिया कि झूठ बोलने वाला का मुंह भी काला होता है।

इस बीच पीठासीन अधिकारी ए. राजा ने सदन में बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम बुलाया। सिंधिया ने कहा कि सदन के अंदर इस तरह का झूठ नहीं बोला जाना चाहिए, क्योंकि देश ही नहीं दुनिया जानती है कि भारत ने करोड़ों टीके दूसरे देशों को बांटे।

इस पर बनर्जी ने सिंधिया पर व्यक्तिगत टिप्पणी करनी शुरू कर दी, जिसका केंद्रीय मंत्री ने विरोध किया।

इस मुद्दे पर तृणमूल सदस्यों एवं सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और अंतत: उन्हें सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सुरेश अविनाश

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