पटना, 10 दिसंबर बिहार में मंगलवार को विपक्षी महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच दरार दिखाई दी जब लालू प्रसाद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का नेतृत्व करना चाहिए।
लालू ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ममता बनर्जी को ‘इंडिया’ गुट का नेतृत्व करने दिया जाना चाहिए।’’
जब पत्रकारों ने ममता की इच्छा पर कांग्रेस की आपत्ति के बारे में पूछा तो लालू ने कहा, ‘‘कांग्रेस के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ेगा...उन्हें ‘इंडिया’ गुट का नेतृत्व करने दिया जाना चाहिए।’’
इससे पहले, ममता बनर्जी के बयान पर लालू के बेटे एवं राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें ममता समेत ‘इंडिया’ गुट के किसी भी वरिष्ठ नेता के इस गठबंधन के नेतृत्व किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ऐसा कोई निर्णय आम सहमति से लिया जाना चाहिए।
एक समाचार चैनल को शुक्रवार को दिये साक्षात्कार में बनर्जी ने विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और मौका मिलने पर गठबंधन की कमान संभालने की अपनी इच्छा का संकेत दिया।
सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं बिहार के सह प्रभारी शाहनवाज आलम ने यह संकेत दिया था कि उनकी पार्टी राज्य में महागठबंधन में अब ‘‘छोटे भाई’’ की भूमिका निभाने को तैयार नहीं है जिसके बाद ही लालू प्रसाद का यह बयान आया है।
खगड़िया जिले में कांग्रेस के एक समारोह को संबोधित करते हुए आलम ने कहा था, ‘‘राजनीति में कोई भी बड़ा भाई या छोटा भाई नहीं होता है। विधानसभा चुनावों में प्रत्येक पार्टी को कितनी सीट पर चुनाव लड़ना है, यह लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन समेत कई कारकों के आधार पर तय किया जाना चाहिए।’’
यह इशारा जाहिर तौर पर राजद के निराशाजनक प्रदर्शन की तरफ था जिसने राज्य की 40 लोकसभा सीट में से 23 पर चुनाव लड़ा था और केवल चार पर जीत हासिल की थी।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने नौ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था उनमें से तीन पर जीत हासिल की थी।
आलम के रुख को दोनों दलों के बीच पैदा हुई दरार के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बाकी है।
बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा, ‘‘लालू जी बेबाकी से अपनी बात कहने के लिए जाने जाते हैं। जब भी ‘इंडिया’ गुट की बैठक होगी, उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए। नेतृत्व परिवर्तन की उनकी बात का क्या मतलब है? क्या वह चाहते हैं कि राहुल गांधी को विपक्ष (लोकसभा में) के नेता के पद से हटा दिया जाए, एक ऐसा पद जो हमारे नेता को लोकसभा में पार्टी के संख्या बल के आधार पर मिला है?’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जब ‘इंडिया’ गुट का गठन किया गया था तो बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव था। हालांकि, वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस चले गए। हमारी पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को सर्वसम्मति से ‘इंडिया’ गुट का अध्यक्ष चुना गया।’’
खान ने आलम के बयान का बचाव करते हुए कहा, ‘‘हमें अपना हक क्यों नहीं मांगना चाहिए? 2020 के विधानसभा चुनाव में हमें लोकसभा चुनाव में हमारे प्रदर्शन के आधार पर सीट का एक छोटा हिस्सा दिया गया था। अब जब हमारा प्रदर्शन बेहतर हुआ है तो हमें अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है। ’’
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