देश की खबरें | गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों की कहानी छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में होगी शामिल

रायपुर, 26 दिसंबर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों के बलिदान की कहानी छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री साय ने आज वीर बाल दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, “गुरु गोविंद सिंह जी के वीर साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के अमर बलिदान की कहानी अब छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाएगी।”

साय ने कहा, “वीर साहिबजादों की वीरता की यह कहानी देश के युवाओं को साहस के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।”

उन्होंने गुरु गोविंद सिंह और वीर साहिबजादों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाना चाहिए और नयी पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीर साहिबजादों की जीवनी पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी देखी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, “वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की रक्षा के लिए सिख गुरुओं के त्याग की महान सिख परंपरा की याद दिलाता है। हमें ऐसे महान वीर सपूतों की प्रेरक कहानियां अपने बच्चों और समाज को बतानी चाहिए।”

उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।

साय ने कहा कि भारत की प्रत्येक पीढ़ी गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके साहिबजादों के बलिदान को सदैव याद रखेगी। देश के लिए जीना और देश के लिए जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने की प्रेरणा हमें वीर बाल दिवस से मिलती है।

उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता का भी स्मरण कराता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं। लेकिन श्री गुरु गोविंद सिंह और उनके साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जैसे वीर जिस धरती पर जन्म लेंगे उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। बाबा जोरावार सिंह जी और बाबा फतेह सिंह किसी एक धर्म या पंथ के लिए प्रेरणास्रोत नहीं हैं। वह संपूर्ण भारत के लिए अनुकरणीय हैं।”

साय ने कहा कि भारत का चरित्र मूल रूप से सामाजिक समरसता का रहा है। हमारे देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है।

इस अवसर पर रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक, सिख समाज के अनुयायी, आम नागरिक और स्कूली बच्चे मौजूद थे।

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