तिरुपति, 20 सितंबर : तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद में दिये जाने वाले लड्डुओं में ‘पशु चर्बी’ को लेकर उठे विवाद के बीच शुक्रवार को कहा कि मंदिर निकाय को घी आपूर्ति करने वालों ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया. आपूर्तिकर्ताओं को खराब सामग्री की आपूर्ति करने पर काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. टीटीडी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामल राव ने कहा कि मंदिर प्रशासन लड्डू में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सख्त पैमानों का पालन कर रहा है. राव ने बताया कि चार नमूनों की जांच रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे मिले जिसके बाद (घी की) आपूर्ति तुरंत रोक दी गई. ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की गई.
उन्होंने कहा कि हमने घी की गुणवत्ता देखी और हमें समझ नहीं आया कि यह घी है या तेल. राव ने कहा, ‘‘हमने पाया कि एक निजी पक्ष द्वारा आपूर्ति किए गए घी के चार टैंकर सही नहीं थे, तुरंत नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए बाहर भेजा गया. घी आपूर्तिकर्ताओं ने मंदिर में जांच सुविधाओं की कमी का फायदा उठाया. अधिकारियों ने नमूनों को निम्न स्तरीय पाया.’’ राव ने कहा, ‘‘परीक्षण के परिणाम से पता चला कि नमूना हालांकि घी जैसा प्रतीत होता है, लेकिन ऐसा नहीं था. प्रयोगशाला के परीक्षण से पता चला है कि नमूने में लार्ड (सुअर की चर्बी) की भी मिलावट थी.’’ उन्होंने कहा कि यह कोई एक मिलावट नहीं है, लेकिन यह समझा जाता है कि इसमें (लड्डू में) पशु चर्बी भी थी. उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी गई है कि यदि वे अच्छी गुणवत्ता का सामान उपलब्ध नहीं कराएंगे तो उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा.’’ यह भी पढ़ें : सपा विधायक जाहिद बेग को नैनी जेल और उनके बेटे को वाराणसी की जेल में भेजा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही लड्डू बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किये जाने की शिकायत मिलने का जिक्र किया था. मुख्यमंत्री ने घी के साथ-साथ लड्डू की गुणवत्ता पर भी चिंता व्यक्त की थी. बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने दावा किया कि वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया.