श्रीनगर/लखनऊ: मुस्लिम विद्वानों ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा लिहाजा रमजान के महीने में रोजे की हालत में खुराक ली जा सकती है. लखनऊ में दारूल इफ्ता फरंगी महल ने भी एक फतवा जारी कर कहा है कि रमजान में टीके की खुराक ली जा सकती है. दारूल इफ्ता फरंगी महल ने अपने एक फतवे में कहा है कि कोरोना का टीका लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा लिहाजा रमजान के महीने में रोजे की हालत में खुराक ली जा सकती है. कोरोना के खिलाफ टीका उत्सव का तीसरा दिन, पिछले 24 घंटे में दी गई 40 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज
दारुल इफ्ता द्वारा मंगलवार को दिए गए इस महत्वपूर्ण फतवे में कहा गया है कि कोरोना टीके की दवा इंसानी बदन की रगों में दाखिल होती है, पेट के अंदर नहीं, इसलिए इसके लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा. मुसलमानों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 का टीका लगवाने में देर नहीं करनी चाहिए.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नागरिक अब्दुर्रशीद किदवई ने दारूल इफ्ता से यह सवाल किया था, ‘‘कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी इस समय अपने चरम पर है. इससे बचाव के लिए टीके की खुराक सूई के माध्यम से दी जा रही है. इसकी दो खुराकें दी जायेगी. हमने कई दिन पहले इसकी पहली खुराक ली है. दूसरी खुराक रमजान में दी जायेगी. आपसे मालूम यह करना है कि क्या रोजे की हालत में वैक्सीन ली जा सकती है?’’
जम्मू कश्मीर के प्रमुख मुफ्ती नसीर उल इस्लाम ने भी कहा कि रोजा रख रहा व्यक्ति टीके की खुराक ले सकता है. इस्लाम ने पीटीआई- से कहा, ‘‘कोविड-19 रोधी टीके की खुराक से रोजा नहीं टूटेगा.’’
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