यूरोपीय संघ ने चार दिनों के मंथन के बाद क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए 1,800 अरब यूरो (करीब 2,100 अरब डॉलर) के बजट और कोरोना वायरस रिकवरी कोष की घोषणा की। कोविड-19 संकट से यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था 8.3 प्रतिशत गिरने का अनुमान है।
खबरों के मुताबिक इनमें से 750 अरब यूरो (करीब 858 अरब डॉलर) की राशि उन देशों को वित्तीय ऋण और अनुदान के रूप में दी जाएगी जो इस संकट से सबसे ज्यादा बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 1,35,000 लोगों की मौत हुई है। वहीं अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 1,41,000 हो चुका है।
कोविड-19 संकट की वजह से अमेरिका में बेरोजगारी अपने चरम पर है। पिछले 17 हफ्तों से लगातार बेरोजगारों की संख्या 10 लाख से अधिक बनी हुई है।
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अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। ऐसे में वहां की दोनों प्रमुख पार्टी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच अर्थव्यवस्था को संबल देने के लिए पैकेज के उपयुक्त आकार को लेकर मतभेद बना हुआ है। डेमोक्रेट पार्टी के सांसदों ने अमेरिकी संसद के भीतर 3,000 अरब डॉलर के पैकेज का प्रस्ताव पारित किया है। जबकि रिपब्लिकन की इसे कुल 1,000 अरब डॉलर पर रखने की योजना है।
इस बीच ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके के बारे में अच्छी खबर आयी है। शुरुआती परीक्षण दिखाते हैं कि यह कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिका और भारत समेत अन्य विकासशील देशों में कोरोना वायरस का खतरा अभी भी बढ़ रहा है।
जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के विश्लेषण के अनुसार एक दिन में 37,000 से अधिक नए कोविड-19 संक्रमितों के सामने आने के बाद भारत दुनिया का कोरोना संक्रमण से ग्रस्त तीसरा बड़ा देश बन गया है। अमेरिका 38 लाख संक्रमितों की संख्या से इस सूची में पहले और 21 लाख लोगों के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है।
भारत में संक्रमितों की संख्या 11,55,000 के पार पहुंच गयी है। भारत में अब रोजाना सामने आने वाले नए मरीजों की संख्या करीब 40,000 हो चुकी है। विशेषज्ञों ने ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलने का डर जताया है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का पहले से अभाव है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भी राज्यों से जांच की गति बढ़ाने और अधिक परीक्षण प्रयोगशालाएं खोलने के लिए कहा है।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री हमद हसन ने संवाद समिति को सोमवार देर रात दिए साक्षात्मकार में कहा कि देश वित्तीय संकट से जूझ रहा है। पहले यह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सफल रहा था लेकिन अब इसके संक्रमण की दूसरी लहर दिख रही है। इसमें भी 20 प्रतिशत से अधिक लोगों के बारे में जानकारी नहीं जुटायी जा सकती है। देश को दोबारा खोले जाने के बाद इसके सामुदायिक संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 6.10 लाख से अधिक लोगों की जान चुकी है। जबकि संक्रमितों की संख्या 1.47 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
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