(शकूर राथेर)
नयी दिल्ली, नौ अप्रैल अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसे कूड़ेदान को विकसित किया है जो संवाद करता है और इसे कोविड-19 से निपट रहे अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में रखा जाएगा ताकि बिना किसी संपर्क के कचरे को इकट्ठा किया जा सके और उसका निस्तारण किया जा सके। इससे कोरोना वायरस से निपट रहे लोग भी सुरक्षित रह सकेंगे।
पंजाब के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ‘अलाइ’ नाम का कूड़ेदान वायस कमांड का पालन करता है और नियंत्रित वातावरण में पूर्वनिर्धारित रास्ते का खुद ही पालन करता है।
उन्होंने कहा कि तीन फुट लंबा और डेढ़ फुट चौड़ा स्मार्ट कचरा संग्राहक अपने ऊपरी ढक्कन को खुद ब खुद खोलकर बिना संपर्क के कचरा संग्रहित करता है।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि एक सेंसर वाली प्रणाली कूड़ेदान के स्तर की वर्तमान स्थिति की जांच करती है और एक निश्चित स्तर तक पहुंचने के बाद निस्तारण की प्रक्रिया शुरू करती है।
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ‘अलाइ’ खुद ही निस्तारण केंद्रों तक पहुंच सकता है, कचरे का निस्तारण कर सकता है और फिर से इस्तेमाल होने के लिए खुद तैयार हो सकता है।
एलपीयू के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कार्यकारी डीन लोवी राज गुप्ता ने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में एक स्मार्ट कूड़ेदान कचरा संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और यह क्वारंटीन कक्ष जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जहां कचरा संग्रहण के लिए किसी मानव श्रमिक को लगाने से उसे संक्रमण होने का खतरा रहता है।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘वायस कमांड के माध्यम से अलाइ को आसानी से बुलाया जा सकता है। उदाहरण के लिए अगर चिकित्साकर्मी किसी तरह का कचरा उठवाना चाहते हैं तो वे कह सकते हैं, ‘अलाइ’ बिस्तर संख्या 18 के पास आ जाओ।’’’
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