नयी दिल्ली, 13 अप्रैल नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने सोमवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की मृत्यु दर "गंभीर" नहीं है और देश के आकार को देखते हुए बीमारी का प्रभाव "बहुत सीमित" है।
पॉल "कोविड-19 : इंडिया मुकाबला- रणनीति एवं भावी मार्ग" विषय पर ऑनलाइन आयोजित एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस चर्चा में नीति आयोग में सलाहकार (स्वास्थ्य) आलोक कुमार ने भी हिस्सा लिया।
वायरस के प्रकोप से निपटने के प्रयासों के समन्वय के लिए गठित समिति के प्रमुख पॉल ने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन (बंद) "सदी का निर्णय" है और काफी हद तक इसका उद्देश्य हासिल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा, " हम बहुत निश्चित हैं कि यह (कोविड-19) एक प्रकोप नहीं है जो देश के किसी भी हिस्से में गंभीर मृत्यु दर पैदा कर रहा है। हमने यह भी नहीं सुना है कि सरकारी या निजी अस्पतालों के आईसीयू भरे पड़े हैं जबकि यूरोप में आईसीयू भरे पड़े हैं। "
उन्होंने कहा कि पहले की अन्य महामारियों की तुलना में कोरोना वायरस तेज़ी से फैला।
पॉल ने कहा कि भारत को रोज़ाना 1,50,000 नए मामलों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए जैसा इटली ने तब अनुभव किया था जब यह अपने चरम पर थी।
उन्होंने कहा, " हमारे देश के आकार को देखते हुए हमारे यहां यह बीमारी बहुत सीमित है, क्योंकि हमने प्रभावी कदम जल्दी उठाए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यदि हम सतर्क नहीं रहे तो स्थिति ऐसी ही रहेगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि हम चीजों का आकलन करके आर्थिक गतिविधियों को खोलेंगे।
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