जयपुर, पांच मई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना संक्रमण की चिंताजनक स्थिति पर गहन मंथन किया गया।
मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसके लिए 5 मंत्रियों के एक समूह का गठन किया। मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर बृहस्पतिवार को अपने सुझाव देगा, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तथा चिकित्सा राज्यमंत्री डा. सुभाष गर्ग इस समूह में शामिल हैं।
बैठक में आम राय थी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों को स्थगित कर दिया जाए। बहुत आवश्यक होने पर अदालत में विवाह की अनुमति दी जाए।
बैठक में महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े की पालना, ऑक्सीजन सांद्रक की खरीद तथा ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर एवं टोसिलीजुमैब दवाओं की आपूर्ति पर विस्तृत चर्चा की गई।
मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रेड अलर्ट कर्फ्यू प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया। इस दौरान अधिकाधिक टीकाकरण तथा कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर तथा कलिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया।
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर भी विचार किया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मीट्रिक टन ही है।
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