COVID-19: सुप्रीम कोर्ट ने रोगाणुनाशक सुरंगों पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रोगाणुनाशक सुरंगों के इस्तेमाल, उत्पादन, इन्हें लगाने और इनके प्रचार पर तत्काल रोक लगाने संबंधी एक जनहित याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस प्रकार के सुरंगों के खतरनाक प्रभाव के बारे में आगाह किया है.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 12 अगस्त: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रोगाणुनाशक सुरंगों के इस्तेमाल, उत्पादन, इन्हें लगाने और इनके प्रचार पर तत्काल रोक लगाने संबंधी एक जनहित याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति अशोक भूषण,न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.

पीठ ने कहा, "प्रतिवादी संख्या एक से तीन के लिए नोटिस जारी करें....याचिकाकर्ता के वकील सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय में याचिका की एक प्रति पेश कर सकते हैं, जो निर्देश प्राप्त कर सकते हैं. मामले को दो सप्ताह के बाद के लिए सूचीबद्ध करें." शीर्ष अदालत कानून के छात्र गुरसिमरन सिंह नरूला की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रोगाणुनाशक सुरंगों के इस्तेमाल, उत्पादन, इन्हें लगाने और इनके प्रचार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई थी.

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इन सुरंगों में इंसानों को रोगाणुमुक्त करने के लिए कार्बनिक रोगाणुनाशकों का छिड़काव किया जाता है अथवा उसका धुआं दिया जाता है. याचिका में कहा गया, "कोविड-19 (Covid-19) को रोकने की आड़ में कई स्वच्छता और रोगाणुनाशक उपकरण सामने आए हैं जो इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी होने का गलत दावा करते हैं."

याचिका में कहा गया, "इनमें रोगाणु मारने वाली सुरंगें शामिल हैं, और इनमें रोगाणुमुक्त करने की धारणा के साथ उन पर पराबैंगनी किरणें डाली जाती है." याचिका में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस प्रकार के सुरंगों के खतरनाक प्रभाव के बारे में आगाह किया है.

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