लंदन, 23 अगस्त : ब्रिटेन में भारतीय छात्रों, धर्मार्थ संस्थाओं और प्रवासी संगठनों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की. महिला संगठनों ने लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर और ब्रिटेन के कई अन्य शहरों में बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट शांति मार्च आयोजित किया तो वहीं ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया -यूनाइटेड किंगडम’ (एसएफआई-यूके) ने बुधवार को लिवरपूल शहर में एक मार्च निकालकर इस घटना पर विरोध जताया. लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर एकत्र हुए सैकड़ों लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की. लोग हाथों में तख्तियां लिये हुए थे और उन्होंने महिलाओं के सम्मान और सशक्तीकरण का आह्वान किया.
‘मेडिकोज वूमेन चैरिटी’ की डॉ. दीप्ति जैन ने कहा, ‘‘हमें पूरे विश्व से भारी समर्थन मिला है, जिससे यह साबित होता है कि अब समय आ गया है कि हम जागरूक हों और अपने व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठें तथा सभी लोग इस मुद्दे को लेकर एकजुट हों.’’ ब्रिटेन स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) की चिकित्सक ने कहा, ‘‘ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन हमारी इकाइयों द्वारा इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के कई शहरों में एक ही समय में आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि बेलफास्ट और डबलिन में सप्ताहांत में प्रदर्शन किये जायेंगे. हमने अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की वैश्विक इकाइयों को भी इसमें शामिल किया है, जो हमारे साथ शांति सभाएं कर रही हैं.’’ इससे पहले, एसएफआई-यूके ने लंदन रोड से लिवरपूल के सिटी सेंटर तक मार्च निकाला. यह भी पढ़ें : नेपाल में भारत की नंबर प्लेट वाली एक बस के नदी में गिरने से 14 लोगों की मौत, 16 घायल
एसएफआई-यूके कार्यकर्ता और लिवरपूल विश्वविद्यालय के छात्र रौनक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘कोलकाता से लिवरपूल तक हम न्याय और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खड़े होंगे.’’ एसएफआई-यूके समिति के सदस्य आर. रामकृष्णन ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक मामले की बात नहीं है. यह सभी छात्रों की सुरक्षा, संस्थानों की जवाबदेही और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात है. हम इस जघन्य अपराध के जिम्मेदार लोगों के लिए तत्काल और कठोर सजा की मांग करते हैं.’’ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का 13 अगस्त को आदेश दिया था. सीबीआई ने 14 अगस्त से इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी.