मुंबई, 29 दिसंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद अमोल कोल्हे ने प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने के लिए केंद्र पर दबाव नहीं डालने को लेकर शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा।
राकांपा नेता ने कहा, “एक ओर शिंदे का दावा है कि उनकी सरकार किसानों से जुड़ी है जबकि दूसरी ओर उन्होंने और उपमुख्यमंत्रियों ने प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग नहीं की है।”
महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन द्वारा आयोजित किसान मार्च की अगुवाई कर रहे कोल्हे ने पुणे के खेडकी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
छत्रपति शिवाजा महाराज के जन्मस्थल शिवनेरी किले में तीन दिवसीय ‘शेतकारी आक्रोश मोर्चा’ की शुरुआत हो गई है जो 30 दिसंबर को पुणे में कलेक्टर कार्यालय पर खत्म होगा।
केंद्र ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दामों पर लगाम लगाए रखने के लिए 31 मार्च 2024 तक के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगा रखी है।
कोल्हे ने कहा कि केंद्र ने ऐसे समय प्रतिबंध की घोषणा की जब किसानों को लगा था कि उन्हे प्याज की उपज के लिए अच्छा दाम मिलेगा। शिरूर से सांसद कोल्हे ने कहा, “प्याज उत्पादकों को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र से निर्यात प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने के लिए नहीं कहा।”
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