जरुरी जानकारी | केरल का 2025-26 का बजट पेश, वित्त मंत्री ने कहा, राज्य वित्तीय संकट से उबरा

तिरुवनंतपुरम, सात फरवरी केरल में पिनाराई विजयन सरकार ने शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश किया, जिसमें कोई भी बड़ा लोकलुभावन प्रस्ताव नहीं है। इसमें राजस्व बढ़ाने के उपाय के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर मार्ग कर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखने के साथ बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान दिया गया है।

केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। बालगोपाल ने अपनी प्राप्तियां बढ़ाने के लिए भूमि कर, 15 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों पर सड़क कर और न्यायालय शुल्क में भी वृद्धि का प्रस्ताव रखा। बजट में प्राप्तियां, प्रस्तावित खर्च से लगभग 27,000 करोड़ रुपये कम है।

बालगोपाल ने दावा किया कि केरल ने हाल के वर्षों में राज्य को प्रभावित करने वाली वित्तीय बाधाओं को पार कर लिया है और अपने कर राजस्व में 70 प्रतिशत की वृद्धि की है।

मंत्री ने केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआईआईएफबी) को राजस्व-उत्पादक इकाई में बदलने के लिए कदम उठाने की घोषणा की। बोर्ड 87,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए उधार लेने के कारण भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है।

बालगोपाल ने कहा, “हम अपने कर राजस्व को बढ़ाकर, अनावश्यक खर्चों से बचकर और अन्य खर्चों को प्राथमिकता देकर आगे बढ़ रहे हैं। हम राज्य के अपने कर राजस्व को 2020-21 के 47,660 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक 81,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने में सक्षम होंगे।”

उन्होंने कहा, “चार साल में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि है। केरल का कुल राजस्व 54,988 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,03,240 करोड़ रुपये हो गया है।”

बालगोपाल ने कहा कि सरकार का औसत वार्षिक खर्च 40 प्रतिशत बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि कोच्चि मेट्रो का विकास सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि तिरुवनंतपुरम मेट्रो के लिए काम 2025-26 में शुरू होने की उम्मीद है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सेवा पेंशन के संशोधित बकाया के लिए 600 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त का भुगतान इसी माह किया जाएगा।

बालगोपाल ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 750 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की।

मंत्री ने कहा कि भूस्खलन के कारण करीब 1,202 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि पुनर्वास की लागत लगभग 2,221 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में मुंडक्कई-चूरलमाला आपदा के लिए कोई सहायता नहीं दी गई है।

बालगोपाल ने कहा कि सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति पर 3,820 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक विस्तारित राष्ट्रीय राजमार्ग को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

बजट में बालगोपाल ने राज्य में पर्यटन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए के-होम्स परियोजना भी पेश की। इसके तहत खाली पड़े मकानों को पर्यटकों के लिए रहने लायक बनाया जाएगा।

बजट पर चर्चा 10 से 12 फरवरी को होगी, जबकि अनुपूरक मांग पर चर्चा और मतदान 13 फरवरी को होगा।

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