देश की खबरें | केरल के वन मंत्री शशींद्रन ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया : वरिष्ठ राकांपा नेता

तिरुवनंतपुरम, 21 जुलाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को कहा कि उन्हें अभी नहीं लगता कि केरल के वन मंत्री ए के शशींद्रन ने कोई गैरकानूनी काम किया है। मंत्री पर कोल्लम में पार्टी की एक सदस्य से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में समझौता कराने की कोशिश करने का आरोप है।

राकांपा के राष्ट्रीय सचिव टी पी पीठाम्बरन ने कहा कि मंत्री ने कोल्लम में केवल कुछ पार्टी से संबंधित मुद्दे सुलझाने की कोशिश की है और इसके अलावा उन्होंने यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में दखल नहीं दी है।

केरल के राकांपा प्रदेश अध्यक्ष पी सी चाको ने भी शशींद्रन के खिलाफ आरोपों पर ऐसे ही विचार प्रकट करते हुए कहा कि मंत्री ने पीड़िता के पिता (एक स्थानीय पार्टी नेता) को मामला वापस लेने के लिए कभी नहीं कहा और उनसे केवल पार्टी संबंधित मुद्दे को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए कहा।

इस बीच शशींद्रन ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने पूरे मामले और इसमें उनकी भूमिका के बारे में मुख्यमंत्री को बताया तथा विजयन ने उन्हें सुना।

बहरहाल, शशींद्रन ने यह नहीं बताया कि मुख्यमंत्री का जवाब क्या था।

चाको ने दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जहां तक राकांपा का संबंध है, उसके दो महासचिवों को यह पता लगाने के लिए कोल्लम भेजा गया है कि क्या हुआ था और उनकी रिपोर्ट में अगर यह पाया गया कि वहां पार्टी के कुछ सदस्यों ने ऐसे काम किए हैं जिससे पार्टी की छवि बिगड़ी है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने यौन उत्पीड़न मामले में कथित हस्तक्षेप के लिए मंत्री की मंगलवार को आलोचना की थी।

यह मामला तब सामने आया जब मलयालम समाचार चैनलों ने शशींद्रन और महिला के पिता के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत का प्रसारण किया जिसमें आपसी सहमति से मामला सुलझाने के लिए कहा गया। इसके बाद मंत्री ने मीडिया को बताया कि उन्होंने लड़की के पिता को फोन किया था लेकिन मामले को सुलझाने के लिए क्योंकि उन्हें लगा कि यह पार्टी में विवाद है। उन्होंने दावा किया कि जब उन्हें पता चला कि यह यौन उत्पीड़न की कोशिश का मामला है तो उन्होंने फिर हस्तक्षेप नहीं किया।

हालांकि, कोल्लम की रहने वाली महिला ने मीडिया के सामने दावा किया कि मंत्री ने पहले दूसरे लोगों के जरिए अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप करके और फिर सीधे उसके पिता को फोन करके मामले में समझौता कराने की कोशिश की।

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